DM का आदेश नहीं मानने वाले क्लर्क को किया गया जबरन रिटायर, अब UP की तरह बिहार में जबरन रिटायरमेंट की सजा

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह बिहार भी अब उसी रह पर चलने लगा है. मै ऐसा इसलिए कह रहा हूँ की अब बिहार की राजधानी पटना में भी ऐसा ही नजारा दिखने को मिला जहाँ एक क्लर्क को यह बड़ी सजा दी गई है। सजा इसलिए कि वह काफी मनमानी कर रहा था, डीएम के आदेशों को भी ताक पर रखता है. जब पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने जवाब माँगा तो आरोपित क्लर्क कोई जवाब नहीं दिया। पटना डीएम की कार्रवाई के बाद कर्मियों में हड़कंप मचा है।

बताया जा रहा है कि क्लर्क राजू प्रसाद के खिलाफ पटना के वरीय कोषागार पदाधिकारी, समाहरणालय कोषागार पटना ने आरोप-पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में कहा गया कि प्रसाद का ट्रांसफर डीएम पटना ने 22 जून 2021 को पटना कोषागार से प्रखंड कार्यालय घोसवरी में कर दिया था, लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सूचना दी कि राजू प्रसाद ने 23जुलाई 2021 तक ट्रांसफर के बाद भी नई जगह पर कोई काम नहीं किया। क्लर्क राजू प्रसाद द्वारा प्रखंड कार्यालय घोसवरी में योगदान नहीं करने के कारण उनसे स्पष्टीकरण की मांगी गई। जिला पदाधिकारी ने उन्हें 7 अगस्त 2022 को निलंबित कर उनका मुख्यालय अनुमंडल कार्यालय, बाढ़ कर दिया गया। उन्हें 15 नवंबर 2021 के प्रभाव से निलंबन मुक्त करते हुए उनका पदस्थापन प्रखंड कार्यालय घोसवरी किया गया। आदेश की अवहेलना करते हुए दबंग क्लर्क बिना किसी सूचना के गायब हो गया।

डीएम पटना डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने जिले में तैनात लिपिक राजू प्रसाद को अनिवार्य सेवानिवृत्त का दंड दिया गया है। लिपिक के विरूद्ध अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता तथा कार्य के प्रति लापरवाही का गंभीर आरोप था। डीएम का कहना है कि लिपिक राजू प्रसाद का उपरोक्त कृत्य उनकी अनुशासनहीनता, घोर स्वेच्छाचारिता एवं कार्य के प्रति लापरवाही का द्योतक है। श्री प्रसाद का उक्त व्यवहार बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली की धारा का उलंघन है। जिला प्रशासन की तरफ से क्लर्क को पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया थ। विभागीय कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा गया था लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

आरोपित कर्मी के विरूद्ध अध्यारोपित आरोपों को संचालन पदाधिकारी द्वारा प्रमाणित पाया गया। डीएम डॉ. सिंह ने संचालन पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन, आरोपी के द्वितीय कारण तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर मिले अन्य साक्ष्यों के समीक्षा के बाद राजू प्रसाद के कार्यालय घेासवरी सम्प्रति पटना कोषागार, समाहरणालय, पटना को अनिवार्य सेवानिवृति का दंड दे दिया गया है।

Share This Article