NEWSPR डेस्क। उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश से लोग सहम गए हैं। शनिवार को गंगा अपने रौद्र रूप में नजर आई जबकि शाम होने तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगा। भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। नदियों और नालों में पानी बढ़ने से लोगों के घरों में पानी घुस रहा है। बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद है। ऋषिकेश सहित कई स्थानों पर बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं।
लोगों के जेहन में एक बार फिर साल 2013 के आपदा की यादें ताजा हो गई। प्रशासन ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और मरीन ड्राईव क्षेत्र में लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। शनिवार की शाम गंगा का जलस्तर अचानक खतरे के निशान को पार कर गया, तो लोग केदारनाथ में साल 2013 में आई त्रासदी को याद करके सहम गए।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। गंगा के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। प्रभावितों के खाने की व्यवस्था भी की गई। गंगा के घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड में पिछले 55 घंटों से लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, ये पानी उत्तरप्रदेश के बिजनौर सहित सीमावर्ती जिलों में पहुंच जायेगा। इसलिए उत्तरप्रदेश सरकार ने गंगा नदी से सटे जिलों को बाढ़ की स्थिति से निपटने के हाई अलर्ट कर दिया है।