शराब सिंडिकेटरों के बीच गैंगवार, पार्टी में एक दूसरे पर पिस्तौल तान करने लगे धांय-धांय

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR DESK- शराब माफिया और सिंडिकेट लगे हुए हैं। इसी को लेकर दरभंगा के सिंघवारा के रतनपुर ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र में शराब सिंडिकेटरों के बीच गैंगवार हो गया। इसमें तीन शराब माफिया व धंधेबाज जख्मी हो गये। तीन में से एक को बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल में नाम बदलकर भर्ती कराया।

लेकिन, उसकी तस्वीर सोशल मीडियो पर वायरल हो गयी और उसकी पहचान खुल गई। साथ ही घटना का भी खुलासा हो गया।  कटरा पुलिस ने उसे एक पुराने मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अभिरक्षा में उसका इलाज चल रहा है।

फिलहाल गैंगवार में जख्मी होने के संबंध में जख्मी का बयान नहीं हो सका है। अहियापुर थाने के जमादार सुमनजी झा बिना बयान दर्ज किये थाना लौट गए। उसकी पहचान कटरा थाना के यजुआर के अन्यायपुर निवासी महावीर राय के पुत्र नुनु राय के रुप में की गई है। वह कटरा के जदौड़ निवासी अर्जुन राय के पुत्र अभिषेक कुमार बनकर अस्पताल में भर्ती हुआ था।

एक पार्टी के दौरान हो गया गैंगवार :
पुलिस सूत्रों की माने तो नुनु राय दरभंगा के सिंघवारा के रतनपुर ब्रह्मपुर गांव स्थित एक पार्टी में गया था। जहां दूसरे शराब सिंडिकेट के भी माफिया जुटे थे। डिलिंग को लेकर नुनु राय को दूसरे गुट के माफिया से विवाद हो गया। इसपर दोनों तरफ से पिस्टल तानातानी के बीच फायरिंग शुरू हो गयी। इसबीच दोनों तरफ से एक दर्जन से अधिक राउंड गोली चली। इसमें नुनु राय के अलावा दो अन्य शराब माफिया जो दूसरे गुट के थे। जख्मी हो गया।

सिंडिकेट का एक सदस्य ने कराया अस्पताल में भर्ती :
पुलिस सूत्रों की माने तो यह घटना करीब 12 बजे रात के बाद की है। आननफानन में नुनु राय सिंडिकेट के एक सदस्य ने अपनी गाड़ी से उसे बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। नुनु राय के दाहिने हाथ में गोली लगी है। सीने में भी चोट आयी है। वहीं, दूसरे गुट के जख्मी माफिया दरभंगा व सीतामढ़ी के किसी निजी अस्पताल में इलाजरत है।

भर्ती कराने वाले को खोज रही पुलिस : 
इधर, नुनु राय के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना पर कटरा थाने के दारोगा रधुवीर सिंह अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने भी उसका बयान लेने का प्रयास किया। लेकिन, वह बयान देने में अपनी असमर्थता जताया। पुलिस उसे भर्ती कराने वाले व्यक्ति को तलाशा। लेकिन, अस्पताल में कोई नहीं मिला। जिससे परिजन या भर्ती कराने वाले का बयान नहीं हो सका।

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