कुख्यात अपराधी चन्दन मिश्रा हत्याकांड में शामिल शूटर तौसीफ से रिमांड पर पूछताछ जारी है। पुलिस के सामने तौसीफ ने हत्या से जुड़े सारे राज एक-एक कर के खोल दिए हैं। इस दौरान पुलिस के कई सवालों के जवाब के दौरान तौसीफ फूट फूटकर रोने लगा। SSP कार्तिकेय शर्मा ने भी उससे कई घंटों तक मंगलवार के दिन पूछताछ की। पुलिस सूत्रों की माने तो अब तक की पूछताछ में तौसीफ ने बताया है कि वो कर्ज में डूबा था। ऑनलाइन जुए में लगभग 20 लाख रुपए हार चुका है। मौसेरे भाई निशु खान के जरिए शेरू सिंह के संपर्क में आया था। सुपारी के रुपए की डील शेरू और निशु के बीच हुई थी। सभी शूटर्स को हत्या के एवज में 5-5 लाख रुपए मिलने वाले थे। जो घटना के बाद अभी तक नहीं मिले। वर्ष 2025 में शेरू से बढ़ी थी बातचीत:जेल में शेरू और निशु के बीच मुलाकात हुई थी। इसी दौरान नंबर दोनों ने एक्सचेंज किए थे। हाल के दिनों में निशु की आर्थिक स्थिति खराब चल रही थी। वो हाजीपुर /वैशाली इलाके के होटल को बेचना चाहता था। ढंग का खरीदार नहीं मिल रहे थे। इसके लिए उसने शेरू सिंह से संपर्क किया। शेरू से इसी दौरान बातचीत बढ़ी। इसी बीच चंदन को पैरोल मिल गई। चन्दन को ठिकाने लगाने के लिए शेरू ने निशु से बात की। निशु ने भी हामी भर दिया और इसके लिए अपने सबसे करीबी मौसी के लड़के तौसीफ को तैयार किया। निशु के घर पर ही सारी साजिश रची गई और सभी ने मिलकर घटना को अंजाम दे दिया।
मीडिया में अपनी फोटो देखकर बचने के लिए कराया क्लीन शेव:घटना के बाद तौसीफ जब कोलकाता पहुंचा तो उसकी निगाह बिहार की खबरों पर थी। घटना की अपडेट ले रहा था। इसी बीच उसे अपना फुटेज दिखा। इसके फौरन बाद वो पास के सैलून में गया और पुलिस से बचने के लिए अपना हुलिया बदल लिया। क्लीन शेव करा लिया। कोलकाता में लिए दो रूम:यहां से भगाने के बाद सभी अपराधी कोलकाता गए। वहां दो कमरे निशु की महिला मित्र ने बुक कराया। एक रूम में तौसीफ और निशु के दो केयर टेकर ठहरे और दूसरे रूम में निशु अपनी महिला मित्र के साथ ठहरा था। निशु ने महिला मित्र के बारे में पुलिस को बताया कि 3 महीने पहले इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती हुई थी। इसी बीच दोस्ती प्यार में बदल गया। निशु ने ही जिद कर के क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए उसे कोलकाता बुलाया। महिला मित्र ही इन सभी आरोपियों पर रुपए खर्च कर रही थी। पारस अस्पताल में भटक गया था तौसीफ:पूछताछ में तौसीफ ने बताया है कि वो घटना को अंजाम देते वक्त नशे में था। पारस अस्पताल में पहुंचने के बाद सीधे फ्रंट गेट से एंट्री करने का प्रयास किया। लेकिन उसे गार्ड ने अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद वो पीछे के गेट से अपने साथियों के साथ घुसा। उस गेट पर गार्ड मौजूद नहीं थे। अंदर घुसने के बाद वो भटक गया। फिर उसने हॉस्पिटल में काम करने वाले एक कर्मी को फोन किया।
जो पहले से तौसीफ को जनता था। उससे तौसीफ ने झूठ बोलकर चंदन के बारे में पूछा। तौसीफ ने अस्पताल के कर्मी से कहा उसके दोस्त के चाचा पारस में एडमिट हैं। उनका नाम चन्दन हैं। किस रूम में एडमिट हैं, भाई जरा बताओ। अंदर पता नहीं चल रहा है। इसके बाद अस्पताल के कर्मी ने उसे कंप्यूटर पर देखकर चन्दन का कमरा नंबर बता दिया। इसके बाद भी वो नहीं ढूंढ पाया। फिर उस स्टाफ से रिक्वेस्ट कर के उसे ऊपर बुलाया और उससे कमरा पूछने के बाद आगे बढ़ गया और स्टाफ नीचे चला गया। स्टाफ इस पूरे घटना से बेखबर था। उसे किसी तरह की साजिश के बारे में पता नहीं थी। इसके बाद वो आसानी से घटना को अंजाम देकर चलते बना। भागने के दौरान मेन गेट का इस्तेमाल किया। पुलिस के मुताबिक अब तक 9 लोगों की संलिप्तता सामने आई है। 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध है, जिसकी छानबीन चल रही है।
रिपोर्ट -विक्रांत