गणपति बप्पा के स्वागत में सजे घर-द्वार और पंडाल,पटना में पुणे से आई ‘बप्पा’ की मूर्ति

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होने वाला गणेश चतुर्थी महोत्सव इस बार शुभ संयोग के साथ आया है। इसमें भक्तों के लिए मंगलमूर्ति का पूजन करना मंगलकारी होगा। हालांकि कोरोना काल में गणपति उत्सव पर हर साल जैसी धूमधाम देखने को नहीं मिलेगी। लेकिन परंपरा को निभाते हुए शहर के विभिन्न मंडल और समितियां विघ्नविनाशक की मूर्ति स्थापित कर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार पूजा-अर्चना करेंगे। वहीं आपको बता दें कि राजधानी में पटना में महाराष्ट्र मंडल की ओर से गणेश चतुर्थी का आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा। इसकी तैयारी को फाइनल टच दिया जा रहा है। बता दें कि पुणे से गणेश जी की मूर्ति आ चुकी है। हर साल लगभग सात फीट की मूर्ति स्थापित की जाती थी, लेकिन इस बार लगभग ढाई फीट की ही मूर्ति मंगाई गई है। मंडल से जुड़े अमन जायसवाल ने बताया कि पिछले साल मंदिर आम लोगों के लिए नहीं खोला गया था और 10 लोगों ने ही पूजा कर परंपरा का निभाया था। इस बार मंदिर आम लोगों के लिए खुला रहा और लोग यहां आकर गणपति के दर्शन कर सकेंगे। बता दें कि बिहार में महाराष्ट्र को लोगों की संख्या लगभग 8 हजार है। बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल काफी सादगी तरह से गणेश चतुर्शी मनायी गई थी और लोग मंदिर तक नहीं आए थे। इस बार खुशी है कि लोग मंदिर में प्रवेश पा सकेंगे। मंदिर को सैनेटाइज भी किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क का अनिवार्यता रहेगी। महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष वसंत सूर्यवंशी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन के साथ ही पूरा आराधाना का आयोजन हो रहा है।

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