जमीन मालिकों को तोहफ़ा! पूरी तरह डिजिटल होगा रजिस्ट्री सिस्टम

Jyoti Sinha

बिहार में जहां इस समय जमीन सर्वे की कवायद चल रही है, वहीं केंद्र सरकार जमीन मालिकों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। केंद्र ने Registration Bill 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जो 1908 से लागू पुराने Registration Act की जगह लेने जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव “वन नेशन, वन रजिस्ट्री” की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा और पूरे देश में रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी बन जाएगी।

घर बैठे होगी रजिस्ट्री
अब लोगों को तहसील और रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नागरिक घर बैठे ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, डिजिटल पेमेंट से फीस भर पाएंगे और वेरिफिकेशन के बाद उन्हें ई-सिग्नेचर के साथ रजिस्ट्री की कॉपी मिल जाएगी।

किन-किन दस्तावेजों पर लागू होगा नियम
ड्राफ्ट के मुताबिक सिर्फ सेल डीड ही नहीं, बल्कि कई जरूरी कागजातों की रजिस्ट्री भी अनिवार्य होगी। इनमें शामिल हैं –

  • एग्रीमेंट टू सेल (Agreement to Sell)
  • पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
  • सेल सर्टिफिकेट (Sale Certificate)
  • इक्विटेबल मॉर्गेज (Equitable Mortgage)
  • न्यायालय के आदेश (Judicial Orders)

सरकार का मानना है कि इससे प्रॉपर्टी से जुड़े झगड़े और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।

आधार-बायोमेट्रिक और डिजिटल सुरक्षा
पहचान की पुष्टि के लिए आधार-बायोमेट्रिक अनिवार्य होगा। पासपोर्ट और वोटर आईडी भी मान्य रहेंगे, लेकिन प्राथमिकता आधार को दी जाएगी। साथ ही, रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।

डिजिटल पेमेंट ही होगा मान्य
सभी शुल्क और स्टांप ड्यूटी अब केवल ऑनलाइन माध्यम – UPI, नेट बैंकिंग और कार्ड – से ही ली जाएगी। इसका मकसद नकद लेन-देन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है।

कब से लागू होगा नया कानून?
ड्राफ्ट पर जनता से सुझाव 25 जून 2025 तक लिए जाएंगे। उसके बाद बिल संसद में पेश किया जाएगा और उम्मीद है कि यह साल के आखिर तक लागू हो जाएगा। सरकार ने दिसंबर 2025 तक पूरे देश में भूमि रिकॉर्ड को 100% डिजिटल करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, फिलहाल पूर्वोत्तर राज्यों और लद्दाख को इससे बाहर रखा गया है।

आम नागरिकों को क्या फायदा?
नए कानून से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि आम लोग बिना रजिस्ट्रार ऑफिस जाए सभी काम ऑनलाइन कर पाएंगे। समय और पैसे की बचत होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।

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