गिरिडीह: उपायुक्त ने की समीक्षात्मक बैठक, अधिकारियों को दिया आवश्यक व उचित दिशा निर्देश

Sanjeev Shrivastava


पटना: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा पूरे राज्य में 31 जुलाई तक लॉकडाउन विस्तारित किया गया है। कोविड-19 के बचाव एवं रोकथाम हेतु जिला प्रशासन सजग एवं तैयार है। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति के आलोक में प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के साथ आत्मनिर्भर बनाना सरकार व जिला प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण चुनौती है। इसी आलोक में सोमवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री गरीब किसान कल्याण रोजगार अभियान की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।

इस दौरान उपायुक्त द्वारा गरीब किसान कल्याण रोजगार अभियान की समीक्षा करते हुए तथा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार सृजन तथा अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया गया। साथ ही गरीब किसान कल्याण रोजगार योजना की प्रगति की समीक्षा की गई तथा दिए गए लक्ष्य के अनुसार कार्यों में तेजी लाने का दिशा निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने मनरेगा के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि मनरेगा एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं को प्रथम प्राथमिकता देते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाभुकों को लाभान्वित करना सुनिश्चित करेंगे तथा दिए गए लक्ष्यों को ससमय पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने लंबित आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही पौधारोपण, आम बागवानी, टीसीबी, मेढ़बंदी, सोक पीट आंगनबाड़ी केंद्र, नाला, नाडेप/वर्मी कम्पोस्ट पीट, ढोभ निर्माण, पोल्ट्री फॉर्म, पशु शेड, मुर्गी शेड, बकरी शेड के कार्यों में तेजी लाने का दिशा निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत कम्युनिटी सेनेटरी कॉन्प्लेक्स तथा नाला आदि के लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। साथ ही 15 वें वित्त आयोग व अन्य योजना के अंतर्गत प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर सभी सरकारी भवन, प्रखंड भवन, स्कूल भवन, पंचायत भवन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्र आदि में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण करने का दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।

समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत पंचायत राज निकायों के तीनों स्तरों यथा ग्राम पंचायत पंचायत समिति एवं जिला परिषद को अनुदान मद की राशि उपलब्ध कराई गई है। इस क्रम में 15वें वित्त आयोग मद अंतर्गत विमुक्त अनाबद्ध अनुदान मद की राशि से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं का चयन करते हुए कार्यान्वयन मनरेगा अभिषरण के माध्यम से कराया जा सकता है। वर्षा जल संरक्षण एवं सोख्ता गड्ढा की योजना को त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले सभी सरकारी भवन परिसर के आसपास संचालित किया जा सकता है जिसकी कुल लागत 6457.00 है तथा श्रम लागत सात है। इसका उद्देश्य वर्षा जल संग्रहण, भौम जल स्तर में वृद्धि एवं सुखाड़ की स्थिति से बचाव करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना गांव/पंचायत के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले सभी सरकारी भवन परिसर में किया जा सकता है। इस योजना की कुल लागत 14390.00 है तथा श्रम लागत 25 है।

इसके अलावा नाडेप कम्पोस्ट योजना के लिए कृषि भूमि अथवा घर का पिछला हिस्सा है। इस योजना का कुल लागत 10161.00 है जिसमें 12 श्रमिक हैं। इस योजना का उद्देश्य जैविक उर्वरक तैयार करना, रासायनिक उर्वरक का उपयोग, मिट्टी के जल धारण क्षमता बढ़ाना, घर व कृषि अपशिष्ट का उपयुक्त व प्रभावी इस्तेमाल करना, सूक्ष्म जीवों से मृदा को सुधारण करना, उर्वरक पर खर्च की कमी लाना, पर्यावरण संरक्षण करने तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। वर्मी कम्पोस्ट योजना के ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी वस्तु उपयुक्त है। योजना की कुल लागत 13040.00 है। श्रम लागत 20 है। सोक पिट योजना के लिए उपयुक्त स्थल सार्वजनिक जापान नल के पास है। योजना की कुल लागत 6457.00 है श्रम लागत 07 है। इसका उद्देश्य अपशिष्ट जल का उचित प्रबंधन करना, भौम जल स्तर की पुन: पूर्ति करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्माण किए जा रहे सामुदायिक शौचालय की समीक्षा की गई तथा कार्यों में तेजी लाने का दिशा निर्देश दिया गया।

जिले में बिछाए जा रहे ऑप्टिकल फाइबर की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि भारत नेट योजना के तहत BBNL & PGCI द्वारा 14 किलोमीटर तक के क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। कुल 28 किलोमीटर तक के क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जाना है। शेष के क्षेत्रों में जल्द से जल्द ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का कार्य पूर्ण करें। साथ ही जिले में 328 हॉटस्पॉट कनेक्शन देना है। उसे सजगता से लेते हुए जल्द से जल्द कार्य को पूरा करें।

समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि जल जीवन मिशन हर घर नल से जल एवं पीएम कुसुम योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों में तेजी लाते हुए दिए गए लक्ष्य को ससमय पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना अंतर्गत सोलर पंप अधिष्ठापन हेतु दिए गए लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत गेल इंडिया कंपनी द्वारा गैस पाइपलाइन बिछाने के कार्य की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उक्त कार्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं के अंतर्गत रोजगार सृजन कर लाभुकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाभान्वित करना सुनिश्चित करेंगे। हर ग्राम पंचायत में 4-5 योजनाओं को आरंभ कर रोजगार सृजन कर प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करें।

उपायुक्त ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत गिरिडीह जिले में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 200 सामुदायिक स्वच्छता परिसर सामुदायिक शौचालय का निर्माण आगामी चार माह में पूर्ण कराए जाने का लक्ष्य विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। इस अभियान के तहत सामुदायिक शौचालय के निर्माण के क्षेत्र में काम की उपलब्धता होगी एवं प्रवासी श्रमिकों को आजीविका उपार्जन के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही इस क्षेत्र में स्थाई सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण सही स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा एवं पर्यावरण स्वच्छ रहेगा। सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड द्वारा सामुदायिक स्वच्छता परिसर/सामुदायिक शौचालय निर्माण की कुल लागत तीन लाख रुपए निर्धारित है। उक्त तीन लाख रुपए की राशि का 30% अर्थात 90 हजार रुपए संबंधित पंचायत को प्राप्त 14वें/15वें वित्त आयोग की राशि से तथा शेष 70% अर्थात 2,10,000 रुपए स्वच्छ भारत मिशन की राशि से 60:40 के अनुपात में क्रमशः केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

सामुदायिक स्वच्छता परिसर में आवश्यकतानुसार सीटों की समुचित संख्या, मूत्रालय, हाथ धोने हेतु हैंड वॉश बेसिन का स्थान आदि उपलब्ध कराते हुए ट्विन पिट तकनीक पर किया जा सकता है। सामुदायिक स्वच्छता परिसर में प्रस्तावित सीटों में से एक शौचालय की सीट दिव्यांगों के अनुकूल निर्मित कराई जाएगी। सामुदायिक स्वच्छता परिसर में जल जीवन मिशन द्वारा जलापूर्ति की भी योजना दी जाएगी जिससे कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर में टैप वाटर द्वारा पानी उपलब्ध कराया जाएगा। सामुदायिक शौचालय निर्माण हेतु उपलब्ध कराए गए 200 स्थलों की चयनित स्थलों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण प्राक्कलन के अनुरूप संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के द्वारा किया जाएगा। उक्त कार्य के लिए स्वच्छ भारत मिशन की मदद से निर्धारित 70% राशि अर्थात 2.10 लाख रुपए में से कार्य प्रारंभ करने हेतु तत्काल एक लाख रुपए कार्यपालक अभियंता से सदस्य सचिव द्वारा शीघ्र निर्गत किया जाएगा। शेष राशि कार्य की प्रगति के आधार पर दो किस्तों में संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को उपलब्ध कराई जाएगी एवं जिला परामर्श एवं कनीय अभियंता के जांच उपरांत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरांत अग्रिम राशि का समायोजन किया जाएगा। शेष 30% राशि अर्थात 90 हजार रूपए की राशि संबंधित पंचायत में उपलब्ध 14वें/15वें वित्त आयोग की राशि से संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को दी जाएगी। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल गिरिडीह के संबंधित कनीय अभियंता द्वारा निर्धारित पर आकलन के अनुरूप मापी पुस्तिका में माप अंकित की जाएगी।

सामुदायिक शौचालय के निर्माण के पश्चात उसके संचालन एवं रखरखाव संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा किया जाएगा। सामुदायिक शौचालय का उपयोग “Pay and Use” सिद्धांत पर कराया जा सकता है। इसके तहत उक्त शौचालय का उपयोग करने वाले सभी घरों द्वारा साप्ताहिक/मासिक आधार पर उसके साफ-सफाई रखरखाव का कार्य किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि सामुदायिक शौचालय के निर्माण में बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को अधिक से अधिक संख्या में प्राथमिकता दी जाए एवं उन्हें रोजगार उपलब्ध करा लाभान्वित किया जाए। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के पूर्व उसके संचालन एवं रखरखाव के लिए कंटैक्टिंग, लीसिंग, कम्युनिटी मैनेजमेंट एवं पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर एक लाभुक समिति का गठन किया जाए।

सामुदायिक शौचालय के निर्माण में कार्य करने वाले मजदूरों को सम्मिलित करते हुए उक्त लाभुक समिति का गठन किया जाए। सामुदायिक शौचालय के निर्माण के पश्चात उसके संचालन एवं साफ सफाई की जिम्मेदारी उक्त लाभुक समिति में चयनित मजदूरों को ही दी जाए। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के पूर्व संबंधित अंचलाधिकारी से भूमि प्रतिवेदन प्राप्त कर लिया जाए तथा सभी चयनित स्थलों पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के पूर्व ग्राम सभा के माध्यम से चयनित स्थल का अनुमोदन प्राप्त कर लिया जाए।

उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जिला प्रशासन सजग एवं तैयार है। कोविड-19 के बचाव एवं रोकथाम हेतु सुरक्षा के दृष्टिकोण से मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर संचालित किए गए योजनाओं में कार्यरत सभी कर्मी कार्य करते वक्त मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन के साथ-साथ जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे। ताकि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को नियंत्रित किया जा सके।

बैठक में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, स्वच्छता प्रमंडल-1&2, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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