बाल विवाह का विरोध कर रही थी लड़की, डीसी ने बनाया जिले का ब्रांड एम्बेसडर

Patna Desk

NEWSPR/DESK : कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड के मधुबन पंचायत की रहने वाली 17 साल की राधा नई मिशाल बनकर उभरी हैं। राधा की शादी के माता-पिता ने तय कर दी थी। 23 जून को शादी होने वाली थी। राधा को शादी करना मंजूर नहीं था क्योंकि राधा आगे पढ़ना चाहती है। शिक्षिका बनना चाहती है। परिवार वालों ने राधा की शादी बिना उसे बताए तय कर दी थी।


परिवार वालों को भी समझायाउसने परिवार वालों को कम उम्र में शादी नहीं करने को लेकर काफी समझाया, लेकिन उसके माता पिता ने उसकी एक न सुनी और रिश्ते बात आगे बढ़ा दी।  अब जब उसके पास कोई चारा नहीं था तो उसने लड़के वाले को ही फोन कर कह दिया कि मैं अभी शादी नहीं कर सकती हूं।  मैं बाल विवाह नहीं कर सकती हूं और उसने शादी का विरोध किया।

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है  कई मां बाप अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में तय कर देते हैं, जिसके बाद उनकी पढ़ाई छूट जाती है।  जिसका शिकार राधा भी होने वाली थी लेकिन उसने अपने लिए आवाज उठाई और कोडरमा की ब्रांड एंबेसडर बन गई। जब इसकी जानकारी कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप को हुई  तो वह राधा के घर पहुंचे और उसकी कार्य की सराहना की।  इसके साथ ही उसे प्रशस्ति पत्र, शॉल और किताब भेंट किया। राधा को सुकन्या योजना से भी जोड़ा गया ताकि पढ़ने-लिखने में मदद मिलेगी। राधा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। राधा के तीन बहनें और दो भाई हैं।


विभिन्न यपजनाओं का लाभ  उपायुक्त ने राधा को सरकार की विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति दी।  महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा संचालित पालन पोषण देख रेख और स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 2000 रुपए प्रतिमाह की स्वीकृत किया गया।  जिससे  राधा आगे की पढ़ाई जारी रखेगी। राधा को सुकन्या योजना से भी जोड़ा गया।  राधा के पिता को वृद्धा पेंशन से जोड़ा गया।  उपायुक्त ने राधा को बाल विवाह मामले में कोडरमा जिला की ब्रांड एंबेसडर घोषित किया।
उपायुक्त ने ट्वीट कर दी जानकारीकोडरमा के उपायुक्त ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी भी दी। उन्होंने लिखा कि राधा को स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत प्रतिमाह दो हजार रुपये एवं सुकन्या योजना के अंतर्गत भी दस हजार रूपए देने का निर्देश दिया। पिताजी को वृद्धा पेंशन स्वीकृति पत्र दिया। राधा को ब्रांड एंबेसडर बनाकर बाल विवाह के खिलाफ़ एनजीओ के साथ मिलकर जागरूकता चलाने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया। लड़की का कदम साहसिक है।

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