पटना,राज्य में खनिज के अवैध खनन और परिवहन को लेकर सरकार ने जीरो टालरेंस की नीति पर अमल शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बालू के अवैध खनन पर नकेल कसने की शुरुआत हो गई है। खान एवं भूतत्व विभाग ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि अवैध खनन और परिवहन के मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में विभाग ने मुजफ्फरपुर जिले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जो नई खनन नीति के तहत सरकार की जीरो टालरेंस का प्रमाण है।
यह मामला फरवरी महीने का है। मुजफ्फरपुर जिले में अवैध बालू परिवहन के एक मामले में खनन विभाग ने एक वाहन को जब्त किया था और उसे करजा थाने के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद विभाग ने करजा के थानाध्यक्ष से लिखित अनुरोध किया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। परंतु जब यह मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा, तो पता चला कि थानाध्यक्ष ने अवैध परिवहन वालों से मिली भगत कर प्राथमिकी दर्ज ही नहीं की है।
इस मामले को उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच कर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। जांच में पाया गया कि करजा थानाध्यक्ष ने एक महीने से अधिक समय तक इस मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस मामले में दोषी सभी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुजफ्फरपुर जिले में वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध 59.14 प्रतिशत ही खनन राजस्व की वसूली की गई है। विभाग के स्तर पर सभी जिलों में राजस्व वसूली खासकर जहां लक्ष्य से काफी कम राजस्व की वसूली की गई है, उनकी समीक्षा की जा रही है। इसमें दोषी पाये जाने वाले अन्य खनन पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सख्त निर्देश जारी किया है कि सरकार किसी कीमत पर अवैध खनन और परिवहन को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी सरकारी अधिकारी का नाम इस प्रकार के मामलों में आता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।