बिहार के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में आज नहीं होगा इलाज, डॉक्टरों ने किया हड़ताल, जानिये हर जिले का हाल

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा की अनुमति मिलने के बाद जहां एक तरफ आयुर्वेद के डॉक्टर्स खुश हैं तो वही दूसरी ओर एलॉपथी के डॉक्टरों ने इस अनुमति के बाद 11 दिसंबर को अपने कार्य से बहिस्कार करने का ऐलान किया था। बिहार में आज सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज नहीं होगा।

सरकार के द्वारा जारी किए गए फरमान के विरोध में डॉक्टरों ने आज कार्य का बहिष्कार किया है। डॉक्टर केन्द्र सरकार द्वारा आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत देने संबंधी आदेश के खिलाफ है। आपको बता दें कि प्रदेश के लगभग 35 हजार डॉक्टर हड़ताल पर है। डॉक्टरों ने ये ऐलान IMA के आह्वान के बाद किया था। आपको बता दें कि बिहार के कई जिलों में आज सुबह से ही स्वास्थ्य सेवा ठप है।

बिहार के कई जिलों में दिखा असर:-

बक्सर : बिहार के बक्सर में डॉक्टरों ने सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बन्द कर दी है। सरकारी डॉक्टर एक दिवसीय हड़ताल पर उतरे है, तो वही मरीजों की भीड़ से स्वास्थ्य विभाग भी परेशान है। चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा ठप हो चुकी है। डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप कर दी है। हालांकि, मरीजों की परेशानियों को देखते हुए डॉक्टर्स इमरजेंसी सेवा चला रहे हैं। ओपीडी सेवा बन्द होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल की सूचना के बाद बक्सर सदर अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी रही है। बताते चलें कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी के अनुमति मिलने के बाद आईएमए ने एक दिवसीय हड़ताल पर जाने का आह्वान पूर्व में ही कर दिया था।

नालंदा : नालंदा के बिहार शरीफ सदर अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में ताला लटका रहा। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं का पूरी तरह से बाधित रहा। इस दौरान आईएमए हॉल में डॉक्टरों ने सरकार के द्वारा जारी किए गए फरमान को लेकर बैठक कर रणनीति भी तैयार की। सरकार के द्वारा एक बिल आने वाला है जिसमें जितने भी आयुष डॉक्टर हैं, होम्योपैथी आयुर्वेदिक उनको कुछ महीने की ट्रेनिंग के बाद ही सर्जन बनाया जाएगा। जो की किसी तरह से उचित नहीं है, क्योंकि एलॉपथी डॉक्टर्स एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 6 साल मेहनत करते हैं और 3 साल सर्जरी करते हैं तब जाकर इसकी डिग्री मिलती है लेकिन आयुष डॉक्टरों को अब कुछ महीने में ही ट्रेनिंग करके सर्जन बना दिया जाएगा।

उनका कहना है कि सरकार के द्वारा किये गए इस फैसले से आम जनजीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है। वहीं सिविल सर्जन ने इस हड़ताल को सफल बताया। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में भी कोविड-19 और इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी सेवाओं को बन्द कर दिया गया है। वही इस हड़ताल का असर बिहारशरीफ शहरी क्षेत्र और बिहार शरीफ से अस्पताल में देखने को मिल रहा है जहां इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

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पूर्वी चम्पारण : पूर्वी चम्पारण में डॉक्टरों का हड़ताल सफल होता नजर आ रहा है। मोतिहारी सदर अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल पर है। डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप कर दी है। हालांकि, मरीजों की परेशानियों को देखते हुए डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा चला रहे हैं।

ओपीडी सेवा बन्द होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल की सूचना के बाद मोतिहारी सदर अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी रही है। आपको बता दें कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी के अनुमति मिलने के बाद आईएमए ने एक दिवसीय हड़ताल पर जाने का आह्वान किया था।

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