राजकीय शिक्षक पुरस्कार: बिहार सरकार ने शिक्षकों को किया सम्मानित, 18 शिक्षकों को सम्मान और 2 को राष्ट्रीय स्तर पर किया पुरस्कृत

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। टीचर्स डे के मौके पर रविवार को बिहार में शिक्षकों को सम्मानित किया गया। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बिहार सरकार द्वारा 18 टीचरों को सम्मान दिया गया। वहीं 2 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया। राषट्रपति के हाथों मधुबनी के चंदना दत्ता और कैमूर के हरिदास शर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है।

बिहार सरकार ने शिक्षक दिवस पर 20 शिक्षकों को सम्मानित किया है। राजकीय स्तर पर निशी कुमारी, धनंजय आचार्य, कुमारी बीमा प्रधान को सम्मानित किया गया। राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 20 शिक्षकों को पटना में सम्मानित किया। जितेंद्र कुमार, कंचन कामिनी, मनोज कुमार निराला, नसीम अख्तर, राम इकबाल राम, अमित कुमार, शिव नारायण मिश्र, प्रमोद कुमार, राजीव कुमार पाठक, नम्रता मिश्र, पूनम यादव, भारती रंजन कुमारी, विभा रानी, श्रुति, मंजू कुमारी को सम्मान मिला।

इस दौरान शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हमारे शिक्षक ईमानदार हैं, हर परिस्थिति में काम करते हैं, सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं हैं, सम्मानित शिक्षक दूसरों को प्रेरित करेंगे। वहीं बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने शिक्षक सम्मान समारोह में कहा कि शिक्षक हमारे रोल मॉडल हैं, जितने अच्छे शिक्षक होंगे, विद्यार्थी उतने ही प्रखर होंगे, सरकार शिक्षकों की भलाई के लिए लगातार काम कर रही है।

कैमूर शिक्षक हरिदास शर्मा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए दो शिक्षकों का चयन हुआ जिसमें एक मधुबनी से व दूसरे कैमूर के शिक्षक शामिल हैं। वहीं आज श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कैमूर के रामगढ़ प्रखंड में स्थित मध्य विद्यालय डहरक के प्रभारी प्रधानाध्यापक हरिदास शर्मा को भी राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार दिया गया।

अगस्त 5 2021 को नेशनल जुरी पटना के सामने हरिदास शर्मा को अपना विचार रखने का अवसर मिला था। जिसमें कैमूर से उनका चयन राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार के लिए हुआ। नेशनल जूरी के सामने ऑनलाइन के माध्यम से राज्य के छह शिक्षक शामिल हुए थे।  बता दें कि राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों को प्रशस्ति-पत्र दिया गया। इसके अलावा 15 हजार रुपये की राशि भी उन्हें पुरस्कार स्वरूप दी गई।

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