पटना,बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थापना दिवस और आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।भाजपा स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष आयोजनदिलीप जायसवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी है और 6 अप्रैल को भाजपा का स्थापना दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर पखवाड़ा दिवस भी मनाने का निर्णय लिया गया है।उन्होंने बताया कि बिहार के सभी जिला कार्यालयों को सजाया जाएगा और हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें 1974 से अब तक भाजपा के सफर को दर्शाया जाएगा।
भाजपा बूथ स्तर तक स्थापना दिवस मनाएगी, जिसमें हर कार्यकर्ता के घर पर पार्टी का झंडा लगाया जाएगा। 6 और 7 अप्रैल को बूथ कमेटी एवं पन्ना प्रमुख के कार्यकर्ता यह दिवस मनाएंगे।भाजपा का जनसंपर्क अभियान8 अप्रैल को 243 विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय सदस्यता सम्मेलन आयोजित होगा।10, 11 और 12 अप्रैल को “चलो गांव की ओर, चलो मोहल्ला की ओर” यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें भाजपा के विधायक, विधान परिषद सदस्य और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।इस कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा अपनी विचारधारा और उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचाएगी।
प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक इस बार स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की योजना बनाई गई है।वक्फ संशोधन बिल पर भाजपा का रुखदिलीप जायसवाल ने संसद में पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति का कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग और कब्जे की लगातार शिकायतें आ रही थीं।उन्होंने कहा, “जो गरीब और पसमांदा मुस्लिम हैं, उन्हें वक्फ की सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। सरकार ने फैसला किया है कि अब वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन किया जाएगा। जो लोग इसे अपनी पॉकेट में रखे हुए थे, अब ऐसा नहीं होगा।”उन्होंने कहा कि इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। वक्फ की आय को भारतीय मुसलमानों के हित में खर्च किया जाएगा।
तेजस्वी यादव पर दिलीप जायसवाल का हमला-
दिलीप जायसवाल ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि “तेजस्वी केवल चांदी का चम्मच लेकर गाल बजाना जानते हैं।
लालू यादव ने कभी समाज के अंतिम व्यक्ति को नेता बनाने का काम नहीं किया।”उन्होंने कहा, “तेजस्वी की पहचान सिर्फ इसलिए है क्योंकि वे लालू यादव के बेटे हैं। अगर लालू यादव नहीं होते, तो तेजस्वी यादव का नेतागिरी में कोई अस्तित्व नहीं होता।”