पोते को न हो जाए कोरोना, इस डर से संक्रमित दादा-दादी ने रेलवे ट्रैक पर दी जान

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर देश में जमकर तबाही मचा रही है। देश में लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है और रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में फैले अंधविश्वास और कोरोना के डर से लोग गलत कदम उठा रहे हैं। इससे स्थिति और भी भयंकर होती जा रही है। राजस्थान के कोटा में एक बुजुर्ग दंपत्ति ने कोरोना संक्रमित होने के बाद ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी। क्योंकि उन्हें डर था कि उनसे कोरोना उनके पोते को फैल सकता है। 75 साल के हीरालाल बैरवा अपनी पत्नी शांतिबाई, 18 साल के पोते और बहू के साथ एक टपरी में रहते थे। उनके बेटे की 8 साल पहले ही मौत हो गई थी।

बुजुर्ग दंपत्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि 29 अप्रैल के दिन हुई थी। इसके बाद से दोनों को आइसोलेशन में रखा गया था। इसके बाद रविवार की सुबह दंपत्ति ने चंबल ओवरब्रिज के पास रेलवे लाइन में कटकर जान दे दी। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आगे दी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस को अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, पर इस संबंध में जांच की जा रही है।

बुजुर्ग दंपत्ति को कोरोना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। दरअसल, कोरोना वायरस से कम उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है। 18 साल या उससे कम लोगों को कोरोना हो सकता है, पर अधिकतर मामलों में ऐसे मरीज बिना किसी दवाई के ही ठीक हो रहे हैं। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए कोरोना जानलेवा बीमारी नहीं है। बुजुर्ग दंपत्ति के पोते को भी कोरोना होने की संभावना है, पर इससे उसकी मौत की आशंका बहुत कम है। इसके बावजूद बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने पोते को संक्रमण से बचाने के लिए आत्महत्या करना उच्त समझा।

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