गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दिया इस्तीफा, CM बदलने में बीजेपी ने एक साल में लगाई हैट्रिक

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंपा। रूपाणी ने इस्तीफे के बाद पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि आगे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे। राज्य में एक चुनाव से ठीक एक साल पहले भारतीय जनता पार्टी यहां चेहरा बदलने जा रही है। नए मुख्यमंत्री के नामों को लेकर अटकलें चल रही हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से चल रही थी अनबन : बताया जा रहा है कि रूपाणी और पार्टी संगठन में काफी दिनों से मतभेद चल रहा था। बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष सीआर पाटिल से उनकी अनबन चल रही थी। बताया जा रहा है कि पिछले साल ही संगठन ने रूपाणी के खिलाफ पार्टी को रिपोर्ट दी थी। राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि विजय रूपाणी के नेतृत्व में सरकार की पकड़ ढीली पड़ रही थी। कामकाज को लेकर रूपाणी सरकार की छवि कमजोर हो रही थी।

पार्टी से जो भी मुझे दायित्व दिया जाएगा वह करूंगा : विजय रूपाणी ने इस्तीफे के बाद कहा, ”गुजरात के विकास यात्रा में मुझे जो योगदान का अवसर मिला उसके लिए पीएम मोदी का आभारी हूं। गुजरात के विकास की यह यात्रा नए उत्साह और नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बीजेपी की यह परंपरा रही है कि समय के साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व बदलते रहते हैं। जो पार्टी की ओर से दायित्व दिया जाता है कार्यकर्ता उसका पालन करता है। अब मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी संगठन में काम करने की इच्छा जाहिर की है। जो भी मुझे दायित्व दिया जाएगा वह करूंगा।”

गुजरात की जनता का किया शुक्रिया : विजय रुपाणी ने इस दौरान गुजरात की जनता का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, “मैं गुजरात की जनता के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि विगत पांच वर्षो में हुए उपचुनाव या स्थानीय निकाय के चुनाव पार्टी और सरकार को गुजरात की जनता का अभूतपूर्व समर्थन, सहयोग और विश्वास मिला है. गुजरात की जनता का विश्वास भारतीय जनता पार्टी की ताकत भी बनी है और मेरे लिए लगातार जनहित में काम करते रहने की ऊर्जा भी उससे मिली है।

बीते एक साल में सियासी घटनाक्रमों के पन्ने पल्टे तो यह तीसरी घटना है जब बीजेपी ने किसी सीएम कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कुर्सी से हटा दिया हो. सीएम बदलने के मामले में यह बीजेपी की एक साल में हैट्रिक है. इससे पहले कर्नाटक और उत्तराखंड में ऐसा सियासी उलटफेर देखा गया है।

उत्तराखंड में बदले गए दो सीएम : उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें हटाकर तीरथ सिंह रावत को सूबे की कमान सौंपी लेकिन तीरथ सिंह रावत ज्यादा देर तक अपनी कुर्सी पर काबिज नहीं रह पाए और बीजेपी ने बीते चार जुलाई को पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद पर बिठाया. उत्तराखंड में भी अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.  उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल 18 मार्च 2017 से 09 मार्च 2021 2021 तक रहा. इसके बाद तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च 2021 से 02 जुलाई 2021 सूबे की कमान संभाली और इसके बाद बीजेपी ने उत्तराखंड का सीएम पुष्कर सिंह धामी को बनाया

कर्नाटक में येदियुरप्पा को हटाया : कर्नाटक में बीते 26 जुलाई को तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कर्नाटक में बीजेपी की सरकार को दो साल पूरे हुए ही थे कि येदियुरप्पा को सीएम पद खाली करना पड़ा. 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनी थी, लेकिन ये सरकार एक साल ही चल पाई थी और बाद में बीजेपी ने बीएस. येदियुरप्पा की अगुवाई में अपनी सरकार बना ली थी. हालांकि येदियुरप्पा के लिए यह खुशी महज दो साल में ही काफूर हो गई. येदियुरप्पा के बाद बीजेपी ने राज्य की कमान बसवराज बोम्मई को सौंपी.वह फिलहाल कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं।

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