NEWSPR DESK- बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ एक नए अंदाज में काम करते हुए दिख रहे हैं। केके पाठक मॉडल के बाद अब एस सिद्धार्थ मॉडल ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है। एसीएस एस सिद्धार्थ हर दिन 10 स्कूलों का निरीक्षण वीडियो कॉल के जरिए करते हैं। वे शिक्षकों से सीधे बात करते हैं और स्कूल की वास्तविक स्थिति को मोबाइल कैमरे के माध्यम से जांचते हैं। वीडियो कॉल अभियान के तीसरे दिन एस सिद्धार्थ ने मधुबनी के मुसहरी स्थित एक स्कूल में वीडियो कॉल किया। इस दौरान स्कूल के शिक्षक की जगह टोला सेवक ने एसीएस साहब का कॉल रिसीव किया।
वीडियो कॉल में जब एसीएस ने शिक्षक के बारे में जानकारी ली तो टोला सेवक ने बताया कि मास्टर साहब स्कूल में बच्चों को छोड़कर घर के लिए सब्जी लाने गए हुए है।एस सिद्धार्थ ने जब टोला सेवक से पूछा कि स्कूल में कुल कितने शिक्षक हैं, तो जवाब मिला कि 6 शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन आज सिर्फ एक ही स्कूल में मौजूद थे, वह भी सब्जी लेने गए हुए थे। बाकी पांच शिक्षक मोतिहारी गए हुए थे। वीडियो कॉल के जरिए जब एसीएस एस सिद्धार्थ ने प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया, तो हालात और भी खराब नजर आए, जिससे कई खामियां उजागर हो गईं।
स्कूल में 137 बच्चों का नामांकन था लेकिन स्कूल में केवल 35 बच्चे ही थे। एक क्लास में 13 और दूसरे में केवल 22 बच्चे थे जो इस ठंड में बोरा पर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। इसे देखकर एसीएस सिद्धार्थ ने टोला सेवक से सवाल किया कि- क्या यहां बेंच और डेस्क की व्यवस्था नहीं है? इस टोला सेवक ने कहा-‘ नहीं सर यहां है हम लोगों को बेंच और डेस्क नहीं मिला है। फिर एसीएस ने सवाल किया कि आपके यहां कितना क्लासरूम है? तो टोला सेवक ने जवाब दिया कि सर दो क्लासरूम है और दोनों की स्थिति ऐसी ही है।एसीएस ने कहा कि वो स्कूल में पूरी जांच के लिए विभागीय अधिकारी को भेज रहे हैं।