NEWSPR डेस्क। बिहार चुनाव की जंग ख़त्म हो चुकी हैं और बिहार को अपना अगला जनादेश भी मिल चूका हैं। भारी बहुमत मिलने के बाद NDA ने तमाम आकलन को पीछे चोर अपनी जीत तय की हैं। चुनावी नतीजों ने जिस तरह से सियासी गहमागहमी तेज की है उसके बाद से सियासी जोड़तोड़ की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं.
इसी बीच जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने अपने बयान में दावा किया है कि बिहार में अभी सियासी ड्रामा खत्म नहीं हुआ है. हमारी पार्टी के पास दूसरे दल के लोग फोन कर रहे हैं और गठबंधन करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी हमें तोड़ने की कोशिश क्यों न करे लेकिन हम किसी भी कीमत पर एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे.
दानिश रिजवान ने कहा, विपक्ष पार्टी में शामिल हमारे मित्र गठबंधन को लेकर मुझे फोन कर रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता होने के नाते मैं ये बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं हम किसी भी कीमत पर एनडीए का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं. हमारे नेता जीतन राम मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में चुनाव में थी, हम उनके साथ थें और जबतक प्राण है तबतक उनके साथ ही रहेंगें.
बता दें कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के प्रमुख जीतन राम मांझी गुरुवार को अपने चार सदस्यीय विधायक दल के नेता चुने गए हैं. मांझी के आवास पहुंचे ‘हम’ के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी विधायक दल का नेता चुना है. बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर ‘हम’ के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मांझी को सम्मानित किया गया हैं. आपको बता दें कि मांझी निवर्तमान विधानसभा में ‘हम’ के अकेले विधायक हैं.
हम विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मांझी ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को राज्य की प्रगति के लिए राजग में शामिल होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर जहां तक मेरा मानना है तो हम कहेंगे कि कांग्रेस के विधायक विचार करें और नीतीश जी का साथ दें. इसके साथ उन्होंने कहा कि एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे.