NEWSPR डेस्क। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक छोटे से गांव में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने सभी को हैरान कर के रख दिया। कुछ दिनों पहले सुबह के वक्त अचानक पुलिस फोर्स के साथ राज्य मानवाधिकार आयोग (SHRC) और साथ ही साथ डॉग स्क्वैड, फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स यहां पहुंच गए। अचानक से इतनी बड़ी संख्या में प्रशासनिक जुटाने ग्रामीणों को अचरज में डाल दिया। लेकिन इसकी वजह जब पता चली तो हर शख्स चकित रह गया। दरअसल यहां की एक घर के परिसर में जमीन के नीचे 100 से अधिक लाशें गड़े होने की जानकारी पर टीम जांच करने के लिए पहुंची थी।
बलिया के गढ़वाल पुलिस थाने के तहत आने वाले रतसर गांव का यह मामला है। गांव में रहने वाली अन्नू सिंह के घर पर अचानक से इतने बिन बुलाए मेहमान पहुंच गए। कनाडा में बसी भारतीय मूल की शालिनी सिंह नामक एक महिला की शिकायत पर यह ऐक्शन लिया गया था। शालिनी ने फोन कॉल पर बताया था कि गांव में रहने वाले उनकी रिश्तेदार अन्नू के घर की जमीन के नीचे इतनी बड़ी संख्या में डेड बॉडी गड़ी हुई है। हालांकि टीम ने सर्च अभियान चलाया लेकिन कोई भी सबूत नहीं मिल सका।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कनाडा में रहने वाली शालिनी सिंह ने राज्य मानवाधिकार आयोग को फोन पर शिकायत करते हुए बताया कि उनके दूर के रिश्तेदार धर्मात्मा सिंह के घर के नीचे इतनी बड़ी संख्या में डेड बॉडी हैं। शिकायत के अनुसार सैकड़ों लाशों को 1990 से लेकर 1995 के बीच में जमीन के नीचे गाड़ा गया। उन जगहों पर पौधे रोप दिए गए, जो अब बड़े होकर पेड़ बन चुके हैं।
SHRC की टीम पुलिस के साथ महा पहुंची और दिवंगत धर्मात्मा सिंह के घर और गार्डेन एरिया में अभियान चलाया। आरोप की गंभीरता को देखते हुए जांचकर्ताओं ने दिन भर सर्च ऑपरेशन किया लेकिन उनके हाथ कोई भी सबूत नहीं मिल सका। अभियान के दौरान उन्हें घरवालों की तरफ से विरोध का सामना भी करना पड़ा।
धर्मात्मा सिंह की वारिस अन्नू सिंह ने बताया कि पुलिस और मानवाधिकार आयोग की टीम बिना कोई नोटिस दिए हुए आ गई और जबरदस्ती जांच पड़ताल शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह शिकायत करने वाली शालिनी सिंह को नहीं जानती हैं। उन्होंने शालिनी के साथ किसी भी प्रकार का रिश्ता होने से इनकार कर दिया।
जांच करने आई टीम में एएसपी रैंक के अधिकारी अमित मिश्र ने बताया कि हमने शिकायत पर जांच कर ली है। जांच अभियान की रिपोर्ट को आयोग को सौंप दिया जाएगा।