राजधानी पटना में तापमान गिरते ही अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज के मामलों में तेजी दर्ज की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि सर्द मौसम में ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है और जिन लोग नियमित दवा नहीं लेते या समय पर जांच नहीं कराते, वे ज्यादा खतरे में रहते हैं।
11 घंटे में 12 नए मरीज भर्ती
मंगलवार को सुबह 10 बजे से रात 9 बजे के बीच सिर्फ 11 घंटे में 12 नए मरीज अस्पतालों में पहुंचाए गए। IGIMS में 8 और PMCH में 4 मरीज भर्ती किए गए।
IGIMS में पहले से ही 25 मरीज भर्ती थे, जिससे अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज के मामलों का दबाव और बढ़ गया है। डॉक्टरों ने इसे ठंड की शुरुआत के साथ गंभीर स्वास्थ्य संकेत बताया है।
सामान्य गलती: ठंड में BP की दवा छोड़ देना
डॉक्टरों ने बताया कि लगभग सभी मरीज एक ही गलती करते मिले—BP की दवा छोड़ देना या नियमित रूप से न लेना।
PMCH के अधीक्षक डॉ. I. S. ठाकुर के अनुसार:
- एक मरीज को पता ही नहीं था कि उसे हाई BP है।
- एक 49 वर्षीय व्यक्ति तीन साल से BP की दवा ले रहा था, लेकिन ठंड आते ही उसने दवा लेना बंद कर दिया।
- ठंड में अचानक BP बढ़ने से स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ठंड में BP क्यों बढ़ता है?
IGIMS के सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि ठंड पड़ते ही शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
उन्होंने सलाह दी—
- दवा समय पर लें
- BP की नियमित जांच कराएं
- डॉक्टर से दवा की डोज समय-समय पर एडजस्ट कराएं
- सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें
- अचानक भारी काम न करें
- शुगर मरीज अतिरिक्त सावधानी बरतें
कौन-कौन से लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल जाएं?
यदि किसी को तेज सिरदर्द, चक्कर आना, शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता, उलझन या बोलने में कठिनाई महसूस हो, तो समय बर्बाद न करें—तुरंत इमरजेंसी में पहुंचें। देर करने पर स्थिति जानलेवा हो सकती है।