बिहार में स्वास्थ्य विभाग का हाल: ब्रेन हैमरेज की शिकार वृद्ध महिला को अस्पताल में ना एंबुलेंस मिला और ना ही स्ट्रेचर, पॉलीथिन शीट से मरीज को ढोने को मजबूर हुए परिजन

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा लागातार पेश कर रही हो , लेकिन भोजपुर जिला के सरकारी अस्पतालों की हालत अभी भी सवालों के घेरे में है।भोजपुर जिले के आईएसओ प्रमाणित सदर अस्पताल की एक तस्वीर ऐसे हालातों की कहानी बयां कर रही है । जहां ब्रेन हैमरेज से पीड़ित बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर के अभाव में इलाज के लिए परिजनों को अस्पताल में इधर – उधर भटकना पडा ।

बताते चले कि जब अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को स्ट्रेचर नहीं मुहैया कराया गया तो मजबूरी के चलते परिजन पॉलीथीन शीट में महिला मरीज को किसी तरह लपेट कर एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाने लगे। आरा सदर अस्पताल के कर्मियों की मनमानी रवैये की वजह से गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची वृद्ध मरीज को न तो अस्पताल से एम्बुलेंस मिली और न ही स्ट्रेचर । उल्टे उन्हें अस्पतालकर्मियों की ओर से स्ट्रेचर कहीं और व्यस्त होने का हवाला देते हुए उन्हें इंतजार करते रहने का सुझाव जरूर मिल गया। हमने इंतजार करने को कहा था मरीज के परिजनों ने बताया कि हमने अस्पतालकर्मियों से मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर की मांग की तो वो लोग बोले कि अभी स्ट्रेचर खाली नहीं है ।कुछ देर इंतजार करिये ।मरीज की हालत ज्यादा खराब थी इस लिए हम लोग जैसे तैसे उनको इलाज के लिए ले गए ।जबकि सदर अस्पताल के मैनेजर ने कहा कि स्ट्रेचर व्यस्त होने के कारण मरीज के परिजनों को कुछ देर इंतजार करने के लिए बोला गया था । लेकिन बिना बताये ही परिजन मरीज को किसी तरह टांग कर इलाज करवाने के लिए निकल गए ।

जब पूरे घटना क्रम में अस्पताल प्रबंधन से इस बाबत पूछा गया तो हॉस्पिटल मैनेजर गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि जो भी स्ट्रैचर है वो पोस्टमार्टम रूम में गया था और जो स्ट्रेचर था वो कहीं वार्ड में गया था । इसलिए समय पर उन लोगों को स्ट्रेचर उप्लब्ध नहीं हो पाया । जबकि अस्पतालकर्मियों द्वारा उन्हें कुछ देर रूकने की बात कही गई थी । लेकिन वो लोग नहीं माने और वो अपने तरीके से मरीज को लेकर इलाज के लिए चले गए ।

भोजपुर से आकाश कुमार की रिपोर्ट…

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