NEWSPR डेस्क। ये अस्पताल नही मौत के सौदागर है जी हाँ ये हम नही बल्कि तस्वीरे पूरी दास्ताँ बयां कर रहा है. ताजा मामला राजधानी पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल का है. जहां मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों को उनका शव नही दिया जा रहा है.
क्योंकि अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के इलाजरत होने पर बिल बनाया और वो भी लंबा चौड़ा बिल जो परिजनों को चुकाना था, बताते चलें आपको की इस महामारी के चलते दौर में जहां जिला प्रशासन द्वारा सरकारी अस्पतालों में बेडो की कमी होने और मरीजो की बढ़ती तदाद को देखते हुए सूबे के 90 निजी अस्पतालों को कोविड 19 इलाज के लिए चिन्हित किया गया है.
बाबजूद इसके कई ऐसे निजी अस्पताल है जहां चंद रुपयों की कमाई में जिला प्रशासन के बनाये नियमो को ताख पर रख मरीजो के जान के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं. हालांकि जरूरत है ऐसे निजी अस्पतालो को चिन्हित कर उसपर ताला जड़ने की जो कोरोना संक्रमण के इस वैश्विक दौर में भी काली कमाई करने से बाज नही आ रहे हैं.
मरीजो के परिजन अपने मरीजों को जान बचाने को हर मुमकिन इलाज को तलासते हुए निजी अस्पताल तक पहुंचे है पर यहाँ आखिरी शब्द यही सुनने को मिलता है, I Am sorry, he is no more? अब तय करना जिला प्रशासन और सरकार के जिम्मे है कि आख़िर इस लूट से परिजन कैसे बचें ।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…