लॉन्च हुआ देश का पहला ऑनलाइन बीएससी पाठ्यक्रम, एचआरडी मिनिस्टर ने किया लांच

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क
नयी दिल्ली: देश के पहले ऑनलाइन बीएससी पाठ्यक्रम को बुधवार को लॉन्च कर दिया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने डिजिटल माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी – मद्रास) के प्रोग्रामिंग और डाटा साइंस में देश के पहले ऑनलाइन बीएससी के पाठ्यक्रम को लॉन्च किया।

अभी हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास को पहला स्थान प्राप्त हुआ था। इस कोर्स में बारहवीं पास छात्र, जिसने कक्षा 10 में अंग्रेजी एवं गणित की पढाई भी की हो और कोई भी अन्य छात्र जो किसी और स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में नामांकित हो, वो प्रवेश ले सकता है। पाठ्यक्रम में वो छात्र भी प्रवेश ले सकते हैं, जिन्होनें 2020 में बारहवीं की परीक्षा दी है। आईआईटी मद्रास काम करने वाले पेशेवरों को भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने का मौका दे रहा है जिससे वो अपना कौशल बढ़ा सकें। चूंकि ये ऑनलाइन पाठ्यक्रम होगा इसलिए उनके काम पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा।

इस मौके पर निशंक ने कहा कि इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम को शुरू करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है क्योंकि आईआईटी मद्रास के इस बेहद महत्वपूर्ण कदम से अब भारत के छात्र आईआईटी की डिग्री पाने के साथ-साथ अपनी योग्यता बढ़ाने का भी मौका मिलेगा। इस पाठ्यक्रम के द्वारा आईआईटी मद्रास ऑनलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में छात्रों को गुणवत्तापरक तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाएगा। संस्थान के पास ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाने का अनुभव है और मुझे विश्वास है कि वो इस नए ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम द्वारा प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाएगा। हमें विकसित देशों के मुकाबले अपने देश में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाना है और इस दिशा में भी ये ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम अहम भूमिका निभाएगा। भारत और दुनिया भर के उद्योगों में प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस की मांग बढ़ती जा रही है। भविष्य में होने वाले औद्योगिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसलिए बड़ी संख्या में नई पीढ़ी के पेशेवरों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए आईआईटी मद्रास की यह पहल बेहद स्वागत योग्य है।

इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम को तीन अलग-अलग चरणों में पढ़ाया जाएगा। जिसमें फाउंडेशनल, डिप्लोमा और डिग्री प्रोग्राम शामिल हैं। छात्र किसी भी चरण में कोर्स छोड़ सकते हैं और उनको उसके हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री मिलेगी। पात्रता के आधार पर उम्मीदवारों को क्वालीफायर परीक्षा के लिए एक फॉर्म भरना होगा और 3,000 रुपए के शुल्क का भुगतान करना होगा।

छात्रों को चार सप्ताह के चार विषयों (गणित, अंग्रेजी, सांख्यिकी और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग) के पाठ्यक्रम मिलेंगे। छात्र ऑनलाइन माध्यम द्वारा पाठ्यक्रम प्राप्त करेंगे, असाइनमेंट जमा करेंगे और चौथे सप्ताह के अंत में एक परीक्षा लिखेंगे। आईआईटी की पारंपरिक प्रवेश प्रक्रियाओं के विपरीत, वो सभी छात्र जो (50 प्रतिशत के कुल स्कोर के साथ) क्वालीफायर परीक्षा पास करेंगे इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे।

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