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‘मानो तो मै गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी’, देश में पहली बार बिहार के लोग पीएंगे नदी के बाढ़ का पानी

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NEWSPR डेस्क। बिहार के लोगों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नई सौगात देने जा रहे हैं। ये एक ऐसी सौगात है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। जी हां, गंगा के पानी के पानी को नदी से दूर पहुंचाने का प्रोजेक्ट। अब गंगा के बाढ़ का पानी का प्रयोग लोगों के पीने के पानी के रूप में होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर घर गंगा जल का प्रोजेक्ट अब पूरा होने वाला है। इससे हर साल लगभग 7.5 मिलियन नागरिकों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को लाभ होगा।

प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण आध्यात्मिक पर्यटन के केंद्र बोधगया के लोगों को पीने के लिए शुद्ध और संसाधित गंगा जल मिलने वाला है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन स्थानों के लिए बाढ़ के पानी को पीने के पानी में बदलने की पहल की। बिहार मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर घर गंगाजल’ को सफलतापूर्वक लागू किया है। जो बिहार के लाखों निवासियों और राज्य के पर्यटकों के चेहरों पर खुशी लाएगा। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ जल संसाधन विकास एवं IPRD मंत्री संजय कुमार झा और इंजीनियरिंग की दिग्गज कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) की भी भूमिका रही।

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भले ही गंगा इस क्षेत्र से होकर बहती है, लेकिन भौगोलिक स्थिति के कारण गंगा का पानी दक्षिण बिहार में पहुंच नहीं पाती है। कुछ क्षेत्रों में पानी की अनुपलब्धता के कारण साल भर गंभीर पेयजल समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए एक दुर्लभ अवधारणा और भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना शुरू की गई, जहां बारिश के मौसम के दौरान अतिरिक्त नदी के पानी को जलाशयों में संग्रहित किया जाएगा और साल के 365 दिनों तक लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाएगी।

जल जीवन हरियाली मिशन के तहत देश की अपनी तरह की यह पहली गंगाजल आपूर्ति योजना का उद्देश्य निर्मित विशाल जलाशयों में चार महीनों में प्राप्त बाढ़ के पानी का भंडारण करना है। इन प्रमुख शहरों में लोगों और पर्यटकों के घरों में आपूर्ति करने से पहले संग्रहीत पानी को संसाधित किया जाएगा और पीने के योग्य सुरक्षित बनाया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवम्बर 27 को राजगीर में, नवम्बर 28 कोगया और बोधगया मे परियोजना का उद्घाटन करेंगे। धार्मिक महत्व वाले तीन शहरों परियोजना का पहला चरण शुरू किया जा रहा है। इन क्षेत्रों मे बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पानी की उच्च मांग होती है। परियोजना पहले चरण में राजगीर, गया और बोधगया शहरों में संग्रहित पानी की आपूर्ति करके इस मांग को पूरा करेगी।

दिसंबर 2019 में बोधगया में एक विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री ने इन ऐतिहासिक शहरों में गंगा जल लाने के अपने संकल्प की घोषणा की थी। 27 और 28 नवंबर को मुख्यमंत्री द्वारा इस मेगा परियोजना के उद्घाटन की घोषणा करते हुए मंत्री संजय कुमार झा ने कहा था कि मुख्यमंत्री की दृष्टि और दूरदर्शिता और उनके विभाग के दृढ़ संकल्प ने रिकॉर्ड समय में इस अनूठी जल प्रबंधन पहल को निष्पादित करना संभव बनाया है। पटना के मोकामा में हाथीदह घाट से गंगा का पानी उठाया जाएगा और पाइप लाइन के जरिए शहरों में सप्लाई किया जाएगा।

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