NEWSPR डेस्क। पटना सर्दी के मौसम में नए धान तैयार होने के बाद अगहनी चूड़ा की कूटाई शुरू हो जाती है. इसी क्रम में इस वर्ष भी सर्दी का मौसम आते ही खेतों में नए धान की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है. जिससे चावल और अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलो में धान की कूटाई चल रही है. नए धान से तैयार होने वाले फसल को लेकर किसान नवान्न का पर्व भी मनाते हैं. जिसमें चूड़ा और दही का भोग लगाकर पूजा की जाती है.
राजधानी से सटे मसौढ़ी इलाके में धान की उपज अच्छी-खासी है. लिहाजा यहां अगहनी चूड़ा भी भारी मात्रा में तैयार होता है. आगामी 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर लोग चूड़ा दही का जायका भी लगाते हैं. इसके साथ ही अगर अगहनी चूड़ा मिल जाए, तो इसका जायका और भी लाजवाब होता है.
गौरतलब है कि अगहनी चूड़ा की सौंधी खुशबू से पूरा इलाका इन दिनों गुलजार हो रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलों में चूड़ा कूटाई की होड़ मची है. इन दिनों अगहनी चूड़ा का डिमांड भी बहुत अधिक बढ़ गया है. उत्तर भारत में इसकी डिमांड और भी अधिक रहती है. दक्षिण भारत में तो चूड़ा दही का लोग सालों आनंद लेते हैं. उत्तर भारत में लोग चूड़ा दही का जायका मकर संक्रांति के पर्व पर ही लेते हैं.
बता दें कि इस वर्ष पटना के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ और सुखाड़ के बीच भी धान की उपज अच्छी हुई है. जिसे लेकर नए धान से यहां अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है, जो न केवल बिहार में बल्की अन्य राज्यों में भी इसकी मांग होती है. इसकी मांग विदेशों में भी की जाती है.
पटना से विक्रांत की खास रिपोर्ट…