छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना दिवस आज: जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी शुभकामनाएं, ये हैं छत्तीसगढ़ के खास पर्यटन स्थल

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना दिवस पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने समस्त राज्यावासियों को ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के विकास, समृद्धि एवं कौशल की कामना की है। क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ देश का नौवां बड़ा राज्‍य है और में इसका 17वां स्‍थान है। फिलहाल यहां कुल 28 जिले हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया था। आज राज्य की स्थापना को पूरे 1 साल हो गए। साल 2000 में जुलाई में लोकसभा और अगस्त में राज्यसभा  छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण प्रस्ताव पर मुहर लगी। जिसके बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में नामित किया गया। बता दें कि सितंबर 2000 में ही सरकार के राजपत्र में इस राज्य का नाम प्रकाशित हो गया था।

छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर राजकीय समारोह का आयोजन होता है। स्थापना दिवस पर हर साल पांच दिन तक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिसमें कई प्रकार के सांसकृतिक और राजकीय कार्यक्रम होते हैं। इस बार दिवाली के कारण यह केवल 2 दिनों का ही आयोजित किया जा रहा।

छत्तीसगढ़ खूबसूरत राज्य है जहां की सुंदरता प्राकृतिक है। चारों ओर फॉल्स और पहाड़ों से घिरा यह शहर बेहद ही शांत और सुंदर है। यहां कई प्रकार के पर्यटन स्थल हैं जो फेमस हैं।

चित्रकोट फॉल्स
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से 39 किमी दूर इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात बनता है। दुनियाभर से इस चित्रकोट को देखने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं। अपने घोडे़ की नाल समान मुख के कारण इस जल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है।

डोंगरगढ़
इसे छत्तीसगढ़ का शीर्ष तीर्थस्थल माना जाता है। मंदिर लगभग 1,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह माता बम्लेश्वरी का प्रमुख धाम है। यहां माता रानी के दर्शन करने देशभर से हर साल लाखों लोग आते हैं।

भोरमदेव मंदिर
कवर्धा शहर में स्थित भोरमदेव मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। भोरमदेव मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।

नंदनवन जंगल सफारी
नया रायपुर में करीब 800 एकड़़ के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपए की लागत से यह मानव निर्मित जंगल सफारी बनी है। इस नंदनवन पार्क में सैलानी ‘बाघ सफारी’ (टाइगर सफारी), भालुओं की ‘बीयर सफारी’ और ‘लायन सफारी’ को देख सकते हैं।

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