अमेरिका ने देशवासियों को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ मार्च 2020 में ही शुरू किया था, तब कोई वैक्सीन विकसित भी नहीं हुई थी. लेकिन भारत ने कभी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए कोई भुगतान नहीं किया और ना ही वैक्सीन के ऑर्डर पाने के लिए कोई अग्रिम भुगतान किया…..भारत में कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच टॉप वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग का ये बड़ा बयान सामने आया है. डॉ. कांग ने कहा है कि भारत ने इंटरनेशनल मार्केट से बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन खरीदने में देरी कर दी है. इससे हुआ ये कि भारत वैक्सीन खरीदने की दौड़ में बहुत पीछे रह गया. देश की मोदी सरकार ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए ना तो कोई भुगतान किया और ना ही वैक्सीन के ऑर्डर पाने के लिए कोई एडवांस पेमेंट करने में दिलचस्पी दिखाई है.
हमारे पास सीमित विकल्प ही बचे
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से अपने पैर फैलाता जा रहा है. इस खतरनाक वायरस के चलते हर दिन हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं. इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र रास्ता है, लेकिन भारत के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी देखने को मिल रही है, जिसके चलते 18+ लोगों के लिए वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया है. लेकिन इन सब के बीच केंद्र सरकार का दावा है कि देश में टीकाकरण तेजी से हो रहा है. इस बीच हिन्दी न्यूज वेबसाइट ‘एनडीटीवी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कांग ने बताया है कि दुनिया के बाकी देश पिछले एक साल से जोखिम लेकर वैक्सीन खरीदने में जुटे हुए थे, लेकिन हमारी सरकार ने कुछ नहीं किया. ऐसे में अब हमारे पास सीमित विकल्प ही बचे हैं.
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की मेंबर हैं डॉ. कांग
आपको बता दें कि डॉ. गगनदीप कांग सुप्रीम कोर्ट की ओर से मेडिकल ऑक्सीजन पर गठित कमेटी की सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा है कि भारत जायडस कैडिला, बायोलॉजिकल-ई जैसी कंपनियों के पास भी जा सकता है, जिनकी वैक्सीन साल के अंत तक आने वाली है. वह उनसे कह सकते हैं कि अपने उत्पादन में तेजी लाओ ताकि ज्यादा वैक्सीन की प्रोडक्शन हो सके. मोदी सरकार ने कहा है कि अगर आपके ट्रायल सफल रहें तो हम सारी वैक्सीन खरीद लेंगे.
ग्लोबल टेंडर जारी हो चुके तब आया बयान
बताते चलें कि डॉ. कांग का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कई राज्यों ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों को ग्लोबल टेंडर जारी कर सीधे विदेश से वैक्सीन ऑर्डर करने के लिए कहा है. उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं.
हमें जोखिम उठाकर ऐसा करना चाहिए
इसके साथ ही डॉ. कांग ने कहा है कि मेरा मानना है कि ट्रायल मोड में ही निवेश करने से नुकसान का खतरा बना रहता है, लेकिन हमें जोखिम उठाकर ऐसा करना चाहिए. अगर हम ऐसा करते हैं, तो यह हमें भविष्य के लिए भी अच्छी तरह से तैयार करता है. आगे चलकर हम एक मिसाल कायम कर सकते हैं. हम इससे दुनिया को बता पाएंगे कि हम शोध और इनोवेशन में भी निवेश करने के लिए तैयार हैं.