गिरती हुई जीडीपी पर कोरोना का रोना आखिर कब तक !!

Patna Desk

विश्वबैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले जताये गये 10.1 प्रतिशत से घटाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया है. संस्था ने कहा कि कोविड-19 की सबसे खतरनाक दूसरी लहर से इकोनॉमिक रिकवरी को नुकसान पहुंचा है l
वित्त वर्ष 2021-22 के लिये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर अनुमान को पहले जताये गये 10.1 प्रतिशत से घटाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया. उसने कहा है कि कोविड-19 महामारी की अबतक की सबसे खतरनाक दूसरी लहर से इकोनॉमिक रिकवरी को नुकसान पहुंचा है. कर्ज देने वाला बहुपक्षीय संस्थान ने 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है.
विश्वबैंक ने ग्लोबल इकोनामिक प्रॉस्पेक्ट्स यानि वैश्विक आर्थिक संभावनाएं शीर्षक रपट के नए संस्करण में कहा है कि भारत में 2020-21 की दूसरी छमाही में खासकर सेवा क्षेत्र में तीव्र पुनरूद्धार देखा जा रहा था, लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. संस्थान के अनुसार, ‘महामारी की शुरूआत से किसी भी देश के मुकाबले सर्वाधिक भीषण लहर भारत में आयी और इससे आर्थिक पुनरूद्धार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा l

बीते वित्त वर्ष में सबसे खराब रही अर्थव्यवस्था में वृद्धि की दर

बीते 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में अबतक की सबसे खराब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. विश्वबैंक ने इस साल अप्रैल में 2021-22 में जीडीपी में 10.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था. यह जनवरी में जताये गये 5.4 प्रतिशत वृद्धि से अधिक था. लेकिन अब अनुमान को कम कर दिया गया है. बहुपक्षीय संस्थान ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

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