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वैश्वि क मंच पर भारत की बढ़ रही भागीदारी, जी-20 की मेजबानी देश को मिलना एक बड़ा अवसरः नमो

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NEWSPR डेस्क। दिल्ली- शीतकालीन ये सत्र महत्वापूर्ण इसलिए है क्योंकि 15 अगस्त के पहले हम मिले थे। 15 अगस्तन को आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण हुए और अब हम अमृतकाल की यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसे समय हम लोग आज मिल रहे हैं जब देश को, हमारे हिन्दुस्तान को जी-20 की मेजबानी का अवसर मिला है। विश्व समुदाय में जिस प्रकार से भारत का स्थान बना है, जिस प्रकार से भारत से अपेक्षाएं बढ़ी है और जिस प्रकार से भारत वैश्वि्क मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है, ऐसे समय ये जी-20 की मेजबानी भारत को मिलना एक बहुत ही बड़ा अवसर है।

ये जी-20 समिट ये सिर्फ एक डिप्लो मेटिक इवेंट नहीं है। लेकिन ये जी-20 समिट एक सम्रग रूप से भारत के सामर्थ्य- को विश्‍व के सामने प्रस्तुत करने का अवसर है। इतना बड़ा देश, Mother of Democracy, इतनी विविधताएं, इतना सामर्थ्य पूरे विश्व‍ को भारत को जानने का एक बहुत बड़ा अवसर है और भारत को पूरे विश्व को अपने सामर्थ्य जताने का भी बहुत बड़ा अवसर है।

पिछले दिनों मेरी सभी दल के अध्युक्षों से बहुत ही सानुकूल वातावरण में चर्चा हुई है। सदन में भी इसका प्रतिबिंब जरूर नजर आएगा। सदन से भी वहीं स्वर उठेगा जो भारत के सामर्थ्यण को दुनिया में प्रस्तुत करने के लिए काम आएगा। इस सत्र में देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वर्तमान वैश्वि क परिस्थितियों में भारत को आगे बढ़ाने के नए अवसर उन सबको ध्यान में रखकर के कई महत्व‍पूर्ण निर्णय इस सत्र में करने का प्रयास होगा। मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल चर्चा को और मूल्यवृद्धी करेंगे, अपने विचारों से निर्णयों को नई ताकत देंगे.

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दिशा को और स्पष्ट रूप से उजागर करने में मदद करेंगे। पार्लियामेंट के इस टर्म का कार्यकाल का जो समय अभी बचा है, मैं सभी पार्टी के लीडर्स को और सभी फ्लोर लीडर्स को बहुत ही आग्रह करना चाहता हूं कि जो पहली बार सदन में आए हैं, जो नए सांसद हैं, जो युवा सांसद है उनके उज्ज वल भविष्य के लिए और लोकतंत्र की भावी पीढ़ी को तैयार करने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा अवसर उन सबको दें, चर्चाओं में उनकी भागीदारी बढ़े।

पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों के किसी न किसी सांसद से मेरी अनौपचारिक मुलाकातें जब भी हुई है एक बात जरूर सब सांसद कहते है कि सदन में हो-हल्ला और फिर सदन स्थगित हो जाता है उससे हम सांसदों का नुकसान बहुत होता है। युवा सांसदों का कहना है कि सत्र न चलने के कारण, चर्चा न होने के कारण हम जो यहां सीखना चाहते हैं, हम जो समझना चाहते हैं क्योंकि ये लोकतंत्र की बहुत बड़ी विश्वविद्यालय है। हम उससे अछूते रह जाते हैं I हमे वो सौभाग्य नहीं मिल रहा है और इसलिए सदन का चलना बहुत जरूरी है। ये सभी दल के युवा सांसदों को खासतौर पर स्वर निकलता है।

मैं समझता हूं कि और विपक्ष के जो सांसद है उनका भी ये कहना है कि डिबेट में हमे बोलने का अवसर नहीं मिलता है I उसके कारण, सदन स्थगित हो जाता है उसके कारण हो-हल्ला होता है, उसके कारण हमे बहुत नुकसान होता है। मैं समझता हूं कि सभी फ्लोर लीडर्स, सभी पार्टी लीडर्स हमारे इन सांसदों की वेदना को समझेंगे। उनके विकास के लिए, देश के विकास में उनके सामर्थ को जोड़ने के लिए उनका जो उत्साह है, उमंग है उनका जो तजुर्बा उन सबका लाभ देश को मिले, निर्णयों में मिले, निर्णय प्रक्रियाओं में मिले, ये लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है। मैं बहुत ही आग्रह के साथ सभी दलों से, सभी सांसदों से इस सत्र को और अधिक प्रोडक्ट बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास हो।

इस सत्र में एक और भी सौभाग्य है कि आज पहली बार हमारे उपराष्ट्र्पति जी, राज्य सभा के सभापति के रूप में अपना कार्यकाल प्रारंभ करेंगे, उनका ये पहला सत्र होगा और पहला दिन होगा। जिस प्रकास से हमारे राष्ट्र पति द्रौपदी मुर्मू जी ने भारत की महान विरासत, हमारी आदिवासी परंपराओं के साथ देश का गौरव बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, उसी प्रकार से एक किसान पुत्र उपराष्ट्रपपति पद और आज राज्य सभा के सभापति के रूप में देश के गौरव को बढ़ाऐंगे, सांसदों को प्रेरित करेंगे, प्रोत्साहित करेंगे I

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