मासूम बच्चे को पढ़ने का है शौक, लेकिन पिता के दिव्यांग होने के चलते कर रहे हैं बचपन से फल बेचने का काम

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। भागलपुर,बिहार सरकार सभी नौनिहालों के बेहतर भविष्य के लिए कई तरह की योजना चला रही है। जिससे नौनिहालों का भविष्य बेहतर किया जा सके। वही शहर के ईशाकचक 12 नंबर गुमटी के रहने वाला 9 वर्षीय मोहम्मद अमीर स्कूल नहीं जा पा रहा है। क्योंकि उसके पिता मोहम्मद मनीर हैंडीकैप है और छोटा बच्चा अपने पिता को ठेले पर बैठा कर सेब की बिक्री करने के लिए सुबह ही निकल जाता है, और देर शाम घर वापस लौटता है।

मासूम बच्चे को भी पढ़ने का शौक है। लेकिन अगर वह स्कूल जाएगा तो उसके पिता को सेब बेचने कौन ले जाएगा और अगर सेव बेचकर दो पैसे घर नहीं आए तो वह खाना क्या खाएगा। इसी को लेकर वह अभी से 5 से 6 किलोमीटर ठेला चला कर पिता के साथ सब बेच रहा है। वही मनीर को हैंडीकैप होने के कारण सरकार की ओर से 400 रुपया मिलता है। लेकिन इन पैसों में क्या हो पाएगा समझा जा सकता है। वही मजबूरी में पिता अपने मासूम बच्चे के साथ सेब बेचने निकल पड़ता है।

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