NEWSPR डेस्क। आज अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस है। हर साल ये दिवस 22 मई को मनाया जाता है। इसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर संदेश देते हुए कहा कि यह हमारा अंतरराष्ट्रीय धरोहर है। इसका संरक्षण करने बेहद जरूरी है। बता दें कि भारतीय उमहाद्वीप में तितलियों की करीब छह हजार प्रजातियां शेष बची हैं। जिसका संरक्षण करने जरूरी है।
इन प्रजातियों में सोलह फीसदी निकट भविष्य में नष्ट होने वाली हैं। वहीं मधुमक्खियों के छत्ते की तरह ही मानचित्र में लटके भारत में गिद्ध एवं गोरैया के गायब होने का मामला पिछले कई वर्षों से सुर्खियों में है जैव विविधता के संकट की छठी कड़ी में बारे में वैज्ञानिकों की गंभीर चिंता इसी विमर्श का हिस्सा है। भारतीय उपमहाद्वीप में आदिवासियों का गांव समाज अनादि काल से जैवविविधता के संरक्षण और संवर्धन में अतुलनीय योगदान देता रहा।
बीसवीं सदी के अंतिम दशक में जैवविविधता का वार्षिकोत्सव शुरु किया गया। इसकी नींव वैश्वीकरण के आरंभिक दौर में रियो अर्थ समिट में पड़ी। अगले साल 1993 में 29 दिसंबर को इस पर अमरीका के अलावा दुनिया के तमाम देशों ने हस्ताक्षर किया। क्रिसमस और नए साल के बीच 29 दिसंबर को इसे शुरु किया गया इस बीच उत्सवों की भरमार होने के कारण इक्कीसवीं सदी में बदल कर 22 मई का रिवाज कायम हुआ। जिसके बाद आज के दिन इसे मनाया जाता है।