मैनचेस्टर टेस्ट में रवींद्र जडेजा ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नई मिसाल कायम की है। वे इंग्लैंड में 1000 से अधिक रन और 30 से ज्यादा विकेट लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। यह उपलब्धि महज आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक बेहतरीन ऑलराउंडर की निरंतरता और बहुआयामी कौशल का प्रमाण है।अब तक 18 एशियाई गेंदबाज इंग्लैंड में 30 से अधिक विकेट ले चुके हैं और 7 बल्लेबाजों ने 1000 से अधिक रन बनाए हैं, लेकिन दोनों कीर्तिमान एकसाथ किसी ने नहीं छूए। जडेजा ने यह कर दिखाया और एक अनोखे क्लब के अकेले सदस्य बन गए हैं।
मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने सीरीज की अपनी पांचवीं फिफ्टी लगाई — और वह भी नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए। यह दुर्लभ उपलब्धि इससे पहले 2001 में वीवीएस लक्ष्मण ने हासिल की थी, जब उन्होंने एक ही टेस्ट सीरीज में इसी क्रम पर पांच अर्धशतक जड़े थे। अब जडेजा ने उस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है और यह साबित किया है कि वे भारत के सबसे भरोसेमंद मिडल ऑर्डर बल्लेबाजों में गिने जा सकते हैं।पिछली 6 पारियों में 5 अर्धशतक — जडेजा की शानदार फॉर्मइंग्लैंड में जारी इस टेस्ट सीरीज में जडेजा ने बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन किया है। छह पारियों में पांच बार अर्धशतक बनाकर उन्होंने न केवल निरंतरता दिखाई है, बल्कि मुश्किल हालात में टीम को स्थिरता भी दी है। उन्होंने अब तक 400 से अधिक रन बनाए हैं और तीन बार नॉट आउट रहकर भारत की पारी को संभाला है।फिलहाल मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में वे 72 रन बनाकर नाबाद हैं। यह प्रदर्शन साफ दर्शाता है कि जडेजा अब केवल एक गेंदबाज नहीं, बल्कि एक मैच विजेता ऑलराउंडर के रूप में भारतीय टीम की ताकत बन चुके हैं।