पंकज मिश्र, जामताडा
जामतारा: अंग्रेजों के खिलाफ 1855 संथाल विद्रोह (हूल दिवस) मनाते हुए संथाल परगना में लोगों ने संथाल हीरो सिधो-कान्हू मुर्मू, फूलो-जानो और चांद भैरव, बिरसा मुंडा को याद किया। जामतारा में झारखंड जागृति मंच में मिहिजाम आयुष बागान में हूल दिवस का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि रेलवे अधिकारी बीएन सोरेन, जामतारा जिला परिषद् की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सोरेन ने कहा कि इन प्रथम स्वन्त्रता संग्राम के हीरो को आज भी देश भर में उचित सम्मान नहीं मिला है। उनके परिजन आज भी बेबसी की जिंदगी गुजार रहे हैं। हमें इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन करना है। मंच के संयोजक राकेश लाल ने कहा कि इस हूल दिवस पर हम संकल्प लेते हैं कि नो स्कूल नो फीस का आंदोलन जारी रहेगा। मंच संचालन धरा महतो ने किया। इस अवसर पर लगभग दर्जन भर लोगों ने मंच का दामन थामा। जिसमें जिला भर में कमेटी विस्तार के लिए प्रभारी तय किया गया।