पटनाः जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह ने आज गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से युवा जदयू से संवाद किया। इस मौके पर उन्होंने युवा जदयू के कार्यक्रम “युवा विचार-विकसित बिहार-नीतीश कुमार” का शुभारंभ भी किया। युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अभय कुशवाहा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप, युवा जदयू के प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह ‘सेतु’, उपाध्यक्ष अप्सरा मिश्रा, प्रियरंजन पटेल, पवन रजक एवं मुख्यालय प्रभारी सह पटना महानगर अध्यक्ष राहुल खंडेलवाल मौजूद रहे।
इस मौके पर अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि युवाओं को सबसे पहले ‘युवा’ शब्द के अर्थ को समझना चाहिए। युवा को केवल उम्र से जोड़कर नहीं देख सकते। युवा का अर्थ है – ऊर्जा और अपार क्षमता। समय भी युवाओं के पास पर्याप्त है। बस उन्हें विचारों से लैस हो जाना है ताकि वे समाज के निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकें। आगे उन्होंने कहा कि विचार जब सतत प्रवाहित होते हैं और उन्हें सामाजिक मान्यता भी मिल जाती है तब विचारधारा बनती है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि दल के युवा साथियों को अपने नेता नीतीश कुमार की विचारधारा से जरूर वाकिफ होना चाहिए। उनकी विचारधारा न्याय के साथ विकास की समावेशी विचारधारा है। इसकी झलक आप उनके हर कार्य में देख सकते हैं। उनके प्रेरणास्रोत गांधी, जेपी, लोहिया, बाबासाहेब अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर हैं। इन्हीं महापुरुषों के विचार और सोच को हमारे नेता ने जमीन पर लागू किया है और हमेशा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिन्ता की है। आज जदयू एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने न केवल समाजवादी सोच को बचाकर रखा है बल्कि उसका संवर्द्धन भी किया है। हमारे नेता ने कभी परिवारवाद को प्रश्रय नहीं दिया। अगर आपमें मेधा और क्षमता है और उस अनुरूप आप परिश्रम करते हैं तो इस दल में आप कोई भी पद पा सकते हैं।
आरसीपी सिंह ने युवाओं से कहा कि अपना समय ऐसी चीजों में लगाएं जिससे आपकी ऊर्जा बढ़े। समय का उपयोग सकारात्मक सोच के साथ करें। किसी के कटाक्ष पर React नहीं Respond करें। जैसा कि आपके नेता कहते हैं, अपना 90 प्रतिशत समय अपने कार्यों एवं उपलब्धियों को बताने में लगाएं और विरोधियों को जवाब देने में शेष 10 प्रतिशत समय दें।
आरसीपी सिंह ने कहा कि युवाओं की बात हो रही हो तो रोजगार की बात भी जरूरी है। नीतीश कुमार ने बीपीएससी जैसी संस्थाओं को पारदर्शी बनाकर भ्रष्टाचार से मुक्त किया। इसके द्वारा पति-पत्नी की सरकार के 15 वर्षों में महज 7022 नियुक्तियां हुईं जबकि नीतीश कुमार के 15 वर्षों में 16506 नियुक्तियां हुईं। लाखों शिक्षकों की बहाली हुई। बड़ी संख्या में पुलिस में भर्ती हुई। निजी क्षेत्र को ध्यान में रख स्किल डेवलपमेंट पर काम हो रहा है। उद्योग लगाने के लिए हर तरह की सहायता दी जा रही है। सात निश्चय में 500 करोड़ कैपिटल वेंचर फंड की व्यवस्था की गई है ताकि युवाओं को रोजगार मिले। तीन-तीन कृषि रोडमैप के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोले गए। आज इस क्षेत्र में भी रोजगार के कई अवसर हैं।
आरसीपी सिंह ने कहा कि ये सारे कार्य हो रहे हैं लेकिन आज जरूरत स्वरोजगार पर जोर देने की है। जब हमारे पास स्किल्ड युवा हैं और करोड़ों लोगों का बाजार है तब हम काम के लिए क्यों किसी के आगे हाथ फैलाएं। टूथब्रश, पेस्ट, साबुन जैसे कन्ज्यूमर आइटम हमारे यहां क्यों नहीं बन सकते। कन्ज्यूमर प्रोडक्ट का उत्पादन बिहार में हो तो हमारी इकोनॉमी बढ़ेगी और हमारे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे नेता ने बिहारीपन को जगाया है। जिन राज्यों ने हमारे लोगों को अपमानित करने का काम किया, हमें उनको अपनी मजबूती से जवाब देना है। आरसीपी सिंह ने कहा कि व्यक्तित्व, नेतृत्व, कृतित्व और वक्त्तृत्व – इन चारों चीजों में नीतीश कुमार की एक अलग पहचान है। आपके नेता स्वभाव से विनम्र हैं। आप जितने विनम्र होंगे उसका मतलब है उतना आपके व्यक्तित्व का विकास हुआ है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि नीतीश कुमार की पहचान को वे आत्मसात करें। उनके संस्कार को अपनाएं। उनकी भाषा और भाषण से सीखें। हमारे नेता देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2006 से 2016 लगातार दस वर्षों तक जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम चलाया।