देश और दुनिया में भले मंदी हो या तेजी, भविष्य की सुरक्षा और प्रतिष्ठापूर्ण करियर की दृष्टि से सिविल सेवाएं में हमेशा युवाओं का आकर्षण रहा है. देश की नीतियों के निर्माण और उसके कार्यान्वयन की कमान सिविल सेवकों के हाथों में ही रहती है. देश में सरकार भले ही जनता द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से चुनी जाती है, लेकिन सरकार भी नौकरशाही के द्वारा संचालित होती है. सरकार चलाने के लिए मंत्री अपने सचिवों पर निर्भर रहते हैं. सही मायनों में देखा जाए तो देश-प्रदेश और विदेशी नीतियों से लेकर कानून-व्यवस्था का दायित्व इन आईएएस अफसरों पर ही रहता है.
आज हम बात करेंगे ऐसे ही आईएएस अफसरों की जो मोदी सरकार को देश चलाने में मदद कर रहे हैं. जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी केंद्र सरकार में अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके कंधे पर महत्वपूर्ण मंत्रालयों की कमान है और देश के नीति निर्धारण में इनकी बड़ी भूमिका भी. सबसे पहले बात करते हैं झारखंड कैडर के तेजतर्रार अधिकारी अमित खरे की. देश की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए लागू की गई बहुप्रतीक्षित नई शिक्षा नीति को भी सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने का श्रेय झारखंड कैडर के तेजतर्रार अधिकारी अमित खरे को जाता है.
झारखंड कैडर के तेजतर्रार अधिकारी अमित खरे
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के अधिकारी अमित खरे का करियर विभिन्न उपलब्धियों से भरा पड़ा है. वे केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण शिक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कमान संभाल रहे हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उन्होंने जहां दूरदर्शन के दायरे का विस्तार किया, वहीं झारखंड समेत देश के एक दर्जन राज्यों को डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म में लाने में कामयाबी पाई.
उनके नेतृत्व में नवंबर 2018 में गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ. अमित खरे बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर रहें. उन्हें बहुचर्चित चारा घोटाले का पर्दाफाश करने का भी श्रेय जाता है. उन्होंने झारखंड के सिंहभूम में पदस्थापना के दौरान डायन-बिसाही सरीखे अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक किया और इसपर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनवाने में कामयाबी हासिल की.
1982 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव गौबा
1982 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव गौबा केंद्र में महत्वपूर्ण कैबिनेट सचिव के पद पर हैं. इससे पूर्व उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय में सचिव पद की अहम जिम्मेदारी निभाई. महत्वपूर्ण नीति निर्धारकों में शुमार राजीब गौबा लगभग एक वर्ष तक झारखंड के मुख्य सचिव के पद पर भी रहे. बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे राजीव गौबा पटना विश्वविद्यालय से भतिकी के स्नातक हैं. उन्होंने उस वक्त कैबिनेट सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली जब जम्मू-कश्मीर को विशेष सुविधा प्रदान करने वाली धारा-370 को हटाने का निर्णय लिया गया था.
1987 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी नागेंद्र नाथ सिन्हा
1987 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी नागेंद्र नाथ सिन्हा केंद्र में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव की कमान संभाल रहे हैं. उन्होंने ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर तक धरातल पर उतारने के महती प्रयास किए हैं. बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्नातक नागेंद्रनाथ सिन्हा ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार में तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण सड़क योजनाओं को मुकाम तक पहुंचाया. भारतमाला प्रोजेक्ट को भी सफल बनाने का श्रेय उन्हें जाता है.
1992 बैच की आइएएस अधिकारी निधि खरे
केंद्र में उपभोक्ता मामले विभाग में अतिरिक्त सचिव पद पर तैनात 1992 बैच की आइएएस अधिकारी निधि खरे ने कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रखने पर कड़ी नजर रखी. उन्होंने इस बाबत सभी राज्य सरकारों को सचेत किया. बिहार-झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहीं निधि खरे ने गृहमंत्रालय में भी संयुक्त सचिव का जिम्मेदारी का निर्वहन किया है. झारखंड में विभिन्न विभागों में तैनाती के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियों के निर्धारण में अहम भूमिका निभाई.