झामुमो युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसानों के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के द्वार दिये गये धरना-प्रदर्शन को नौटंकी करार दिया है।
उन्होनें कहा है कि अभी किसानों के हित में झारखंड में जैसा काम हो रहा, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।
देशभर के किसान दिल्ली में सात माह से आंदोलन कर रहे हैं और उनमें से 700 से अधिक अपने प्राण गंवा चुके हैं, बावजूद किसानों के हित की चिंता भाजपा के शीर्ष नेताओं ने नहीं की। बसंत ने कहा कि झारखंड सरकार किसानों के दुख-तकलीफ को देखते हुए बंपर धान की खरीद करा रही है। पहली बार किसानों को मानसून के प्रवेश से पहले बीज उपलब्ध कराया गया है।
इस स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं को अनर्थक-अनर्गल बातों को लेकर लक्जरी गाड़ियों से खेतों में जाकर प्रदर्शन की नौटंकी नहीं करनी चाहिए। यह मेहनतकश अन्नदाता किसानों के साथ मजाक है।
भाजपा के नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि हेमंत सरकार में किसानों को ऋण माफी कर बड़ी राहत पहुंचायी गयी। सूबे के 246012 किसानों को 980.06 करोड ऋण माफी किया जा चुका है, जिसमें दुमका जिले के 14049 किसानों को 45 करोड़ 73 लाख रूपये के कर्ज माफ किये गये हैं। खाद-बीज किसानों तक पहुंचे, इसके लिए राज्य से लेकर जिले के पदाधिकारी लगतार मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
बसंत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को बेलगाम महंगाई, झूठ-फरेब की राजनीति, औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की नीति से घटते जनाधार की चिंता करनी चाहिए। देश में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, पर उस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा जा रहा। केवल इन मुद्दों से जनता को भटकाने की कोशिश हो रही।
किसानों के हित की अगर उतनी ही चिंता है, तो देशभर में आंदोलनरत किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए और तीनों कृषि कानून को अविलंब वापस लेना चाहिए।