NEWSPR डेस्क। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान विगत 7 दिनों से कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली को पूरी तरह से किसानों ने घेर लिया है. हालांकि अभी तक किसानों ने आम आदमी के हितों का ख्याल रखते हुए राजधानी दिल्ली को ठप नहीं किया है. विरोध कर रहे किसान सयंम का परिचय दे रहे हैं. जबकि केंद्र की ओर से किसानों को रोकने के लिए बल प्रयोग और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. दिल्ली के आस पास के बॉर्डर इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
पटना में हल्लाबोल:-
राजधानी पटना से भी विपक्षी पार्टीयों का समर्थन दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को मिलने लगा है. बुधवार को महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों ने एकसाथ कृषि कानून के खिलाफ पटना की सड़कों पर केंद्र के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला, और डाकबंगला चौराहे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.
खूब गरजे कन्हैया:-
इस दौरान वामपंथी नेता कन्हैया कुमार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि जब देश के बड़े-बड़े उधोगपति, बड़े-बड़े पूंजीपति अपना एमआरपी निर्धारित कर सकते हैं, तो फिर किसान अपना MSP क्यों नहीं निर्धारित कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये सब पूंजीपतियों और उधोगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. क्योंकि चुनाव के समय इनके कमीशन के पैसों से तो ही आसमान में ये लोग हेलीकॉप्टर उड़ाते हैं. ये लड़ाई सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है. मीडिल क्लास फैमिली और गरीब तबके के लोगों की भी लड़ाई है. ये लोग सबका हक छीनकर अपने प्यारे दोस्तों के हाथों में किसानों की जमीन गिरवी रख देना चाहते हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राजनाथ सिंह की अगुवाई में वार्ता का आयोजन किया गया था. जिसमें 32 किसान संगठन के नेता शामिल हुए थे. हालांकि ये वार्ता विफल रही.
चंद्रमोहन की रिपोर्ट