NEWSPR डेस्क। कल कार्तिक पूर्णिमा है। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ ही दीपदान और पूजा का विशेष स्थान होता है। पूर्णिमा 18 नवंबर की रात 12 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो जाएगी। यह 19 नवंबर को दोपहर दो बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करते हैं। कार्तिक पूर्णमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि इस दिन स्वर्ग से देवतागण भी आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन फल, अनाज, वस्त्र और गुड़ आदि चीजों का दान किया जा सकता है। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की प्रिय वस्तुओं मिठाई, दूध और नारियल का दान करने से धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है। अगर आप देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी पूजा नहीं कर पाएं हैं तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।