NEWSPRडेस्क |कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बाद हालात सामान्य हुए तो बिहार सरकार ने क्लास 1 से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया गया हैं. स्कूलों में शत प्रतिशत बच्चों को आने की भी अनुमति दे दी गई है.
बिहार सरकार शिक्षा विभाग एक बार फिर से अपने आदेश को लेकर सुर्खियों में है. बता दे की सरकार ने बच्चों का हाल जानने के लिए अब शिक्षकों को बच्चों के घर भेजने का फैसला लिया है. दरअसल, कोरोना की वजह से लंबे समय बाद खुले सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग फिर से नया प्रयोग करने जा रहा है. शिक्षा विभाग ने अब सभी डीईओ और डीपीओ को आदेश दिया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में वैसे बच्चे जो लगातार स्कूल से 7 दिन से गायब हैं, उनके घर अब गुरुजी यानी शिक्षोको जाना होगा विद्यार्थियो को देख ने के लिए विद्यालय में बच्चों की नियमित उपस्थिति और शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने सबकी जिम्मेवारी तय कर दी है.
तो वही 75 फीसदी उपस्थिति का लक्ष्य हासिल करने के लिए विद्यालय प्रधान के साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षक और संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक को जिम्मेदार बताया गया है और जिम्मा दिया गया है कि यदि कोई छात्र एक सप्ताह तक लगातार स्कूल में अनुपस्थित रहता है तो प्रधानाध्यापक, शिक्षक उसके अभिभावक से संपर्क कर विद्यालय नहीं आने का कारण जानेंगे और इसके लिए अलग से रजिस्टर बनाने का आदेश दिया गया है. स्कूलों को कहा गया है कि सभी विद्यालय निर्धारित समय पर खुले और विद्यालय में नियुक्त शिक्षक समय पर हर हाल में विद्यालय आएं और विद्यालय अवधि समाप्त होने के बाद ही विद्यालय से प्रस्थान करेंगे|