उड़ता किशनगंज बनने से रोकने की किशनगंज पुलिस की मुहिम अब लाने लगी रंग, पढ़ें रिपोर्ट

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। किशनगंज- देश का युवा जहां एक तरफ नशे का शिकार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों को नशे से सावधान रहने की प्रेरणा देने वाले भी कम नहीं हैं. ऐसी ही एक मुहिम बिहार के किशनगंज के युवा एसपी IPS एसपी कुमार आशीष चला रहे है. अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय निकाल कर लोगों को नशे से दूर रहने के लिए युवा पीढ़ी को एसपी मुहिम चलाकर जागरूक कर रहे हैं. एसपी कुमार आशीष अपनी व्यस्त दिनचर्या एवं ऑफिस के कामो से समय निकालकर खाली वक्त में किशनगंज जिला के सुदूरवर्ती इलाको के गांवों एवं स्कूलों में माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना पूर्ण शराबबंदी तथा पूर्ण नशाबंदी के लिए अलख जगाने के लिए प्रयासरत है. नशे जैसी आदत से लोगों को बचाने की एसपी कुमार आशीष की ये मुहिम अब रंग लाने लगी है. अब युवा, स्कूली छात्र-छात्राएं, अभिभावक एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिक भी इनके साथ आने लगे हैं. और ये उपलब्धियाँ आंकड़ों में भी दिखाई दे रही है।

आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाते हैं की किशनगंज जिलान्तर्गत मादक पदार्थों का सेवन, भंडारण एवं वितरण करने वालों के विरूद्ध विगत् पांच वर्षों (2016 से 2021 तक) में लगातार कार्रवाई करते हुए 1415 किग्रा गांजा, 138 किग्रा अफीम का पौधा, 52 किग्रा अफीम, 05 किग्रा अफीम का फल, 2.267 किग्रा स्मैक, 1.085 किग्रा हीरोईन, 5.690 किग्रा चरस, 859.850 ग्राम ब्राउन सुगर, 02 कार्टून सिरप, कोडिंग सिरप 46 लीटर, 650 ग्राम आईस ड्रग्स एवं 498.3 मिग्रा मेस्कॉलीन नशीली दवाएँ जप्त, संलिप्त 215 अभियुक्त गिरफ्तार तथा बिहार राज्य पूर्ण शराबबंदी के तहत वर्ष-2016 से 31 अगस्त, 2021 तक अवैध विदेशी शराब-1,02,968 लीटर, देशी शराब-36,959.550 लीटर,कुल- 1,39,927 ली० शराब जब्त, दो पहिया वाहन-162, चार पहिया वाहन-174 जप्त, संलिप्त 1875 अभियुक्त गिरफ्तार एवं शराबबंदी का उल्लघंन करने वाले 04 पुलिसकर्मी को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है, और 10 तस्करों को माननीय न्यायालय द्वारा विधिसम्मत सज़ा दिलाई जा चुकी है.

सूखे नशे के प्रकोप से जिले को बचाने के लिए किशनगंज पुलिस द्वारा विगत वर्षों (2016 से 2021 अब तक) में मादक पदार्थों का सेवन, भंडारण एवं वितरण करने वालों के विरूद्ध लगातार कार्रवाई करते हुए इन कांडों में संलिप्त अभियुक्तों को छापामारी/कार्रवाई करते हुए एन0डी0पी0एस0 एक्ट के तहत् मादक पदाथों की बरामदगी करते हुए कांड में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है।साथ ही बिहार में पूर्णतः शराब बंदी के तहत् वर्ष-2016 से अबतक पुलिस विभाग में शराब का सेवन, भंडारण एवं वितरण करने वाले पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों पर भी कार्रवाई की गयी हैः- वर्ष-2016 में सिपाही रंजीत ठाकुर को शराब का सेवन करने के आरोप में जेल भेजा गया एवं उनपर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी। वर्ष-2018 में हव0 सुबेदार सिंह यादव पर शराब के आरोप में विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी। वर्ष-2019 में सिपाही जियाउल हक को शराब का सेवन करने के आरोप में जेल भेजा गया एवं विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर सेवा से बर्खास्त किया गया। वर्ष-2021 में सिपाही धीरज कुमार को शराब का सेवन करने तथा शराब के साथ पकड़े जाने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया एवं विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर सेवा से बर्खास्त किया गया। ये आंकड़े इंगित करने के लिए काफी है की शराबबंदी के विषय पर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा रही है. जो भी इस अवैध धंधे में लिप्त पाए जायेंगे, बख्शें नहीं जायेंगे. वहीं
किशनगंज पुलिस ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह हमारे देश मे युवाओं का नशे की तरफ रुझान बढ़ रहा है, वह वाकई गंभीर चिंता का विषय है.वह युवा जिसे हम अपने देश की शक्ति मानते है जिसे हम भारत देश का भविष्य मानते है,उसे नशे की कीड़े ने ऐसा जकड़ लिया है की जैसे शिकारी अपने शिकार को जकडता है,ओर नशा का कीड़ा ऐसा होता है की जो व्यक्ति की मौत के बाद ही उसे छोड़ता है.वही किशनगंज पुलिस का कहना है की अगर कोई भी व्यक्ति “पूर्ण नशा बंदी” में पुलिस का सहयोग करता है तो उन्हें समुचित रूप से एसपी किशनगंज द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा.”_

वहीं एसपी कुमार आशीष का कहना है “आज युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में हैं. हमारा प्रयास समाज मे नशे की लत में घिर चुके युवा पीढ़ी को नशा त्यागने की प्रेरणा देने के लिए किया जा रहा हैं. प्रतिक्रिया सकारात्मक है इसलिए कि उम्मीद पर दुनिया कायम है. और हम लोगों को ही सही समय पर नशे की गिरफ्त में आने से पहले अगर बचा ले तो ये हमारे लिए देश सेवा से कम नही होगा. हर प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन आपके जीवन में तबाही लेकर आता है. नशा एक अभिशाप है. यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है. नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्‍बाकु और धूम्रपान (बीड़ी,सिगरेट,हुक्का,चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्‍वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है. नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है. नशे करने वाला व्‍यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है. वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है. इसे पूर्ण रूपेण त्यागने की जरुरत है. पुलिस-प्रशासन लगातार इसपर कठोर कार्रवाई कर रहा है. आमजनों से भी सूचना और सहयोग की अपील है.”


उनके जुझारू नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किशनगंज पुलिस आम नागरिकों के सहयोग से लगातार सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में लगी हुई है. पर्याप्त संसाधनों की कमी के बावजूद किशनगंज पुलिस ने पिछले साढ़े तीन सालों के उनके अब तक के कार्यकाल में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. आइये, हम सब बिहार सरकार के इस महाभियान जो समाज की दिशा और दशा दोनों बदल सकता है, इसके अक्षरश: अनुपालन अपना अपना महती सहयोग करें, अपने बच्चों, देश-राज्य के भविष्य को नशे के चंगुल से बचाएं, एक सुदृढ़ और सरंक्षित भारतराष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करें।

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट…

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