5G आने से पहले जानें 4जी और 5जी में खास अंतर, सिर्फ 10 प्वाइंट में

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR  डेस्क।

वो वक्त ज्यादा दूर भी नहीं गया है जब अपने पसंदीदा गाने सुनने और वीडियो देखने के लिए मैमोरी कार्ड को भरवाया जाता था। टेक्नोलॉजी ने ऐसी करवट बदली कि आज ऑनलाईन यू-ट्यूब के मजे लिए जाते हैं और नेटफ्लिक इत्यादि पर पूरी फिल्म ही इंटरनेट के जरिये देख ली जाती है। लेकिन आने वाला समय और भी फास्ट होने वाला है। आज 4G सर्विस इंडिया में एक्टिव है और हम लोग इतने सारे काम इंटरनेट के जरिये कर पाते हैं। ज़रा सोचिए आने वाले दिनों में जब 5G की शुरूआत अपने देश में हो जाएगी तो ​कैसा होगा। उम्मीद है कि नए साल में हमें 5G चलाने के मिल जाएगा और मोबाइल सेवाएं भी पूरी तरह से बदल जाएगी। देश में 5जी शुरू होने से पहले चलिए जानते हैं मौजूदा 4जी और आने वाले 5जी में कितना फर्क है।

1. क्या है 4G

यहां 4जी से मतलब है फोर्थ जेनरेशन यानि चौथी पीढ़ी। 2जी और 3जी से ​होते हुए 4जी की शुरूआत हुई थी जो मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में सबसे उन्नत मौजूदा तकनीक है। आज देश की सभी टेलीकॉम कंपनी 4जी सर्विस प्रदान कर रही है जिसके चलते स्मार्टफोन पर कम्प्यूटर जैसे कार्यों को करना संभव हो पाया है।

2. क्या है 5G

जैसा कि नाम से ही पता चलता है 5जी का मतलब है पांचवी जेनरेशन। यह वर्तमान 4G सर्विस का एडवांस वर्ज़न होगा जिसमें 4जी के सभी फीचर्स को विकसित करके शामिल किया जाएगा। 5G Super High-Frequency Spectrum पर काम करेगा। स्मार्टफोंस में 5जी की स्पीड पर इंटरनेट चल सके इसके लिए क्वॉलकॉम, मीडियाटेक और बायोनिक जैसी टेक कंपनियों ने अपने चिपसेट व प्रोसेसर्स को भी लॉन्च कर दिया है।

3. स्पीड

5G और 4G में जो पहला और सबसे बड़ा अंतर होगा, वह होगी इंटरनेट की स्पीड। फिलहाल 4जी नेटवर्क पर मैक्सिमम आइडल स्पीड 100 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (Mbps) की दी जाती है वहीं 5जी में यह स्पीड 10 गीगाबाइट प्रति सेकेंड (Gbps) होगी। यानि 5G नेटवर्क 4G नेटवर्क की तुलना में 100 गुना ज्यादा फास्ट होगा।

4. स्ट्रॉग इन्फ्रस्ट्रक्चर

भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़े मोबाइल बाजारों में से एक हैं। अपने देश में तेजी से स्मार्टफोन यूजर्स की गिनती बढ़ती जा रही है और सभी लोगों के पास इंटरनेट मौजूद है। तेजी से बढ़ते मोबाइल यूजर्स और इंटरनेट की बढ़ती खपत के हिसाब से मौजूदा 4जी इन्फ्रस्ट्रक्चर कमजोर पड़ रहा है जिसका असर मोबाइल सर्विसेज पर पड़ रहा है। लेकिन 5जी इन्फ्रस्ट्रक्चर न सिर्फ मौजूद हालात बल्कि आने वाले भविष्य में भी करोड़ो लोगों के बोझ झेल पाएगा

5. लैटेंसी

सबसे पहले तो आपको लैटेंसी का मतलब बता दें कि जब आप किसी दोस्त को कोई मैसेज भेजते हैं तो आपके फोन से मैसेज सेंड होने से लेकर उसके फोन में मैसेज रिसीव होने तक के बीच के समय को लैटेंसी से मापा जाता है। यह समय बेहद ही कम यानि मिलीसेकेंड का होता है। यूं तो 4G में भी लैटेंसी महसूस नहीं होती। लेकिन ज़रा सोचिए 5G में यह कितनी तेज हो जाएगी।

6. बफरिंग

कोई वीडियो प्ले करते हैं तो शुरू होने से पहले वह सभी फ्रेम्स को एक लाईन में लगाती है फिर उसके बाद चलती है, इसे ​बफरिंग कहा जाता है। ऑनलाईन वीडियोज़ देखने के दौरान जब वह बीच में रुकती है और चक्कर-सा घूमता नज़र आता है, वह नेटवर्क की कमजोरी को दर्शाता है। 5G के आने के बाद शायद ‘बफरिंग’ शब्द भी इतिहास बन जाएगा।

7. लोडिंग

इंटरनेट पर कोई चीज सर्च करने के दौरान जैसे ही कीवर्ड को लिखकर एंटर किया जाता है और फिर जो पेज खुलकर सामने आता है, इसके बीच का कुछ समय लोडिंग में लगता है। 5G में यह लोडिंग समय और भी कम हो जाएगा। यानि एंटर मारते ही रिजल्ट सामने। 4जी एलटीई में लोडिंग टाईम अमूमन 20ms/सेंकेंड का बताया गया है जो 5जी में 2ms/सेकेंड का हो जाने का दावा है।

8. नेटवर्क कंजेशन

जैसा कि हमनें उपर भी बताया कि देश में स्मार्टफोन उपभोक्ता और इंटरनेट यूजर्स तेजी से बढ़ रहे हैं। 4जी स्टेक्ट्रम सीमित है और लगातार नए यूजर्स जुड़ने से एक ही नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है। उदाहरण के तौर पर पहले जहां एक टॉवर पर 50,000 लोगों के फोन सिग्नल पकड़ते थे। वहीं अब उस टॉवर पर 1,50,000 लोगों के फोंस को सिग्नल दिया जा रहा है। इस वजह से नेटवर्क कंजेशन बढ़ रहा है। लेकिन 5जी में यह स्थित रिफ्रेश हो जाएगी और बिना रूकावट सेवा मिलेगी।

9. ऑनलाईन गेमिंग लैग

पबजी तो शायद आप सभी ने खेला होगा। कई बार ऐसा भी हुआ होगा कि आपने फायर का बटन दबाया, लेकिन गेम में फायर थोड़ा देर बाद हुआ। यानि बटन दबाने से लेकर उसका रिस्पांस मिलने के बीच का जो समय है, वह गेम लैग है। 4जी की तुलना में 5जी में यह लैग बेहद ही कम हो जाएगा। ऑनलाईन गेमिंग में यह वक्त 1 माइक्रो सेकेंड से भी कम हो जाएगा।

10. क्लाउड गेमिंग

यू-ट्यूब से लेकर नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम का मिर्जापुर शो, यह सब हम इंटरनेट के जरिये ऑनलाईन देखते हैं। लेकिन ज़रा सोचिए फिल्मों की तरह ही गेम्स को भी ऑनलाईन स्ट्रीमिंग के जरिये खेला जाए तो, कैसा हो। 5G क्लाउड गेमिंग को आसान बना सकता है। इंडिया में ऐसा सफल हुआ तो, आपको न ही फोन या ​कम्प्यूटर में गेम की ऐप को डाउनलोड करना पड़ेगा और न ही पीएस, एक्सबॉक्स तथा महंगे गेम्स को खरीदने की जरूरत पड़ेगी।

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