NEWSPR डेस्क। महिला और पुरुष किसी भक्ति गीत पर भक्ति भाव में नहीं झूम रहे, बल्कि इन्हें भूतों ने अपने आगोश में ले रखा है। औरंगाबाद जिले में यह नजारा है जो दशहरा के मौके पर उत्तर से दक्षिण तक में लगे भूतना मेला का है. और ऐसे मेले औरंगाबाद जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लगे है. साफ है कि 21वीं सदी के वैज्ञानिक युग में भी विज्ञान पर अंधविश्वास हावी है, और लोग प्रेतबाधा निवारण के नाम पर भूतना मेलों की शरण ले रहे है. परंतु अंधविश्वासियों पर विज्ञान का कोई भी असर बेअसर है।
हालाकि प्रेत बाधा से ग्रसित लोग इस बात से इतेफाक नहीं रखते है की चिकित्सा विज्ञान ऐसी स्थिति में कारगर नहीं है, परन्तु चिकित्सा विज्ञान के जानकार ऐसी चीजो को एक सिरे से नकारते है, और यह भी कहते है की चिकित्सा विज्ञान में हर प्रकार का इलाज संभव है. बहरहाल प्रेतबाधा ग्रस्त मरीज और उनके परिजन ऐसे भूतना मेलों में शामिल होकर विज्ञान के चमत्कार को फीका साबित कर रहे है। ऐसे में जरूरत है भूतना मेला लगने वाले स्थलों पर शिविर लगाकर लोगों को झांड फूंक से इलाज की हकीकत बताने की। तभी 21 वीं सदी के वैज्ञानिक युग की सार्थकता साबित हो सकेगी।