NEWSPR डेस्क। लोग कहते है कि जो दृढ़इच्छा शक्ति के साथ परिश्रम कर कुछ अलग करने की ठान लें तो वह कर दिखाता है। उसी परिश्रम की बदौलत उसे नया मुकाम भी हासिल होता है। सफलता उसके चरणों को चूमती है। वह अपनी सफलता से देश दुनिया में नाम रौशन कर देता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के कैमूर जिले के लाल विकास कुमार ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर अपने तरफ सबका ध्यान आकर्षित कर लिया है.
जिले के नुआव प्रखंड के रहने वाले क्लास 8 के नुआव मिडिल स्कूल के छात्र विकास कुमार ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर कमाल कर दिया है. बता दें कि विकास पिछले 4 महीने से कड़ी मेहनत से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और उन्होंने कचरे के ढेर में से सामान इकट्ठा कर प्लास्टिक से पेट्रोल बनाया है.
हालांकि अभी इसे हम कार या बाइक में डायरेक्ट यूज नहीं कर सकते क्योंकि अभी इसमें फ्यूरीफिकेशन की जरूरत है अभी यह इंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है रूपए 1500 की लागत में बना प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की मशीन। विकास के इस अविष्कार में उसके स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों का अहम रोल रहा।
जिले में साइंस विज्ञान मेला में विकास ने पहला स्थान लाकर अपने स्कूल के साथ-साथ अपने परिवार का भी नाम रोशन किया है. अब विकास राज्य स्तरीय पर अपना प्रदर्शन दिखाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि उसमें भी अव्वल आएंगे। हालांकि यह पहली बार होगा जब कैमूर में किसी ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाया है. विकास के इस समय पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।