भागलपुर के बाईपास थाना क्षेत्र अंतर्गत बैजानी पंचायत के फुलवरिया गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ जमीनी विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक पूर्व वार्ड सदस्य चंदा देवी के पति कोरस राय ने खुलेआम पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए हमला करने वालों का साथ दिया घटना के अनुसार, फुलवरिया निवासी रोशन दुबे ने अपने पड़ोसी पंकज राय को साढ़े तीन कट्ठा जमीन बेची थी रोशन का कहना है कि पंकज राय ने जमीन की कीमत का कुछ हिस्सा चुका दिया था, और बाकी पैसे के लिए दो चेक दिए थे.
शर्त यह थी कि अभी आप जमीन रजिस्ट्री कर दीजिए और जब पूरा भुगतान हो जाएगा, तभी पंकज राय को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा लेकिन पंकज राय ने जमीन रजिस्ट्री होने के कुछ महीनो बाद ही बिना पूरा पैसा भुगतान किए ही सभी शर्तों को दर किनार करते हुए खेत में बीज बोना शुरू कर दिया जब रोशन दुबे ने इसका विरोध किया तो मामला हाथापाई तक पहुँच गया। रोशन का आरोप है कि पंकज राय की पत्नी पुष्पलता देवी और चंदा देवी ने मिलकर उस पर ईंट और लाठियों से हमला किया सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि इस पूरे विवाद में चंदा देवी के पति कोरस राय ने निष्पक्षता के बजाय पंकज मंडल और उनकी पत्नी पुष्पलता का साथ दिया और हमला करने वालों को उकसाया पीड़ित रोशन दुबे का कहना है कि कोरस राय ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर हमलावरों को प्रोत्साहित किया और मारपीट में सक्रिय भागीदारी दिखाई हमले में रोशन दुबे को गंभीर चोटें आई हैं.
इसके बाद जगदीशपुर अस्पताल ले जाया गया इसके बाद डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (मायागंज) रेफर कर दिया जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि उनका हाथ टूट गया है और पैर में गंभीर चोटे आई हैं साथ ही सीटी स्कैन कराने की सलाह दी गई है. फिलहाल रोशन दुबे का मायागंज अस्पताल में इलाज चल रहा है उन्होंने पुलिस में अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी है, लेकिन उनका कहना है कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद वे कानूनी प्रक्रिया शुरू करेंगे इस घटना ने फुलवरिया गांव में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है ग्रामीणों का कहना है कि एक पूर्व जनप्रतिनिधि का परिवार अगर खुलेआम पक्षपात और हिंसा में शामिल हो, तो आम लोगों को न्याय कैसे मिलेगा घायल की पत्नी ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद हिंसक रूप न ले सकें.