बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन का सर्वे दोबारा शुरू कर दिया है। इस सर्वे के तहत जमीन मालिकों को 31 मार्च तक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है। यह प्रमाण पत्र जमीन के सही रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। समय पर प्रमाण पत्र जमा न करने पर जमीन के लेन-देन या लोन लेने में दिक्कतें हो सकती हैं।
कैसे जमा करें स्व-घोषणा प्रमाण पत्र?
जमीन मालिक अपने स्व-घोषणा प्रमाण पत्र को जमा करने के लिए दो तरीके अपना सकते हैं:ऑफलाइन मोड: अपने गांव के सर्वे ऑफिस में जाकर फॉर्म जमा करें।ऑनलाइन मोड: भूमि सर्वेक्षण की आधिकारिक वेबसाइट पर दस्तावेज अपलोड करें।एक बार प्रमाण पत्र जमा होने के बाद सर्वे ऑफिस के अधिकारी, जैसे अमीन और कानूनगो, आपकी जमीन का सर्वे करेंगे।
स्व-घोषणा प्रमाण पत्र में क्या जानकारी देनी होगी?स्व-घोषणा प्रमाण पत्र में जमीन मालिक को निम्नलिखित जानकारी देनी होगी:जमीन का मालिक कौन है?जमीन का कुल क्षेत्रफल कितना है?जमीन की लोकेशन क्या है?इस जानकारी से सरकार के पास जमीन का सही रिकॉर्ड होगा, जिससे भविष्य में किसी भी तरह की जमीन से जुड़ी समस्या से बचा जा सकेगा।तारीख बढ़ने की संभावना पर संशयऐसी खबरें थीं कि स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ाई जा सकती है, लेकिन अभी तक इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है। इसलिए जमीन मालिकों को सलाह दी गई है कि वे 31 मार्च से पहले ही यह काम पूरा कर लें।
भविष्य की समस्याओं से बचाव का जरिया- सरकार का यह कदम जमीन मालिकों के हित में है ताकि जमीन का सही रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। समय पर प्रमाण पत्र जमा करने से जमीन से जुड़े किसी भी विवाद या वित्तीय लेन-देन में परेशानी से बचा जा सकेगा। बिहार में दोबारा शुरू हुआ यह सर्वे जमीन मालिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।