पुराने ट्विटर का नए क़ानून मंत्री के साथ भी उठा पटक चालू है , कहा – मानना पड़ेगा देश का क़ानून

Patna Desk

NEWSPR / DESK : केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मोदी कैबिनेट में कुछ नए चहरों के साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अहम विभाग में तख्तापलट भी देखने को मिला है, जिसके बाद आई टी मंत्री पद से रविशंकर प्रसाद की विदाई हो गई है। अधिकारी तंत्र के लंबे अनुभव से ओत-प्रोत अश्विनी वैष्णव पर PM मोदी ने भरोसा जताते हुए, उन्हें यह पद दिया है।

 

इस समय इस विभाग से जुड़ा एक मुद्दा काफी तूल पकड़ चुका है, जिसे निपटाने के लिए अश्विनी वैष्णव को तुरंत काम पर लगना पड़ेगा और वो है, “नए आई टी नियमों को लेकर, ट्विटर और भारत सरकार के बीच चल रही जंग।”

 

फरवरी माह में नए आई टी नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद, उन्हें लागू करने के लिए दिये गए 3 महीने की समय सीमा की समाप्ति के भी 42 दिन बीत जाने के बाद ट्विटर द्वारा इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाना, उसके “बाल हठ” को नहीं “उद्दंडता और अक्खड़पन” को दर्शाता है।

 

निवर्तमान आई टी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई बार Twitter को चेतावनी दी पर मजाल है कि ट्विटर ने इसे गंभीरता से लिया हो । गत 8 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ के समक्ष ट्विटर ने फिर वही राग अलापते हुए कह दिया कि हमने फिलहाल के लिए एक “अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी” को नियुक्त किया है और अभी उसे एक बार फिर 56 दिनों का समय चाहिए ताकि वो एक स्थायी अधिकारी को नियुक्ति कर सके।

 

Twitter को कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन केवल बातों से काम बनता नहीं दिख रहा था, इसी वजह से सख्त रुख अपनाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि, “केंद्र नए आई टी नियमों के किसी भी तरह के उल्लंघन के मामले में ट्विटर के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, और ट्विटर को किसी भी प्रकार का संरक्षण देने के लिए हम बाध्य नहीं हैं।”

 

अब नए आई टी मंत्री और 1994 बैच के ओडिशा काडर के IAS अफसर अश्विनी वैष्णव को बिना दैर किए ट्विटर पर नकेल कसनी होगी क्योंकि देश और देश के कानून से बड़ा कोई नहीं होता। इसी को लेकर बृहस्पतिवार को मंत्री पद का कार्यभार संभालते ही वैष्णव ने दो टूक संदेश देते हुए कह दिया कि, “जो कोई भारत में रहता है और काम करता है, उसे देश के नियमों को मानना ही होगा।”

 

ऐसा नहीं है कि, सिर्फ ट्विटर ही इस घेरे में है, अभी कई और पक्षी भी पिंजरे से बाहर घूम रहें है परंतु जिस प्रकार ट्विटर ने देश और देश के कानूनों को चुनौती दी है उसके बाद सबसे पहले ट्विटर पर लगाम लगाने की आवश्यकता है।

 

नए आई टी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस मुद्दे पर जल्द कोई फैसला लेने की उम्मीद इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि वो अपने कामकाज को लेकर बेहद ही संजीदा बताए जाते हैं, फिर चाहे 1999 में आए ओडिशा के चक्रवात में उनकी दृढ़ भूमिका हो या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ PMO में उपसचिव के नाते नीति निर्माण में उनकी भूमिका हो।

 

उनकी इसी निपुणता से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री मोदी की नज़र उन पर स्वर्गीय अटल बिहारी वजपाई के निजी सचिव रहते हुए पड़ी, तब PM मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। तभी से ही PM की नज़र आई टी मंत्री पद के लिए अश्विनी वैष्णव के काम करने के रवैये पर थी और इसी के चलते भाजपा की ओर से 28 जून 2019 को उन्हें राज्यसभा सांसद के तौर पर चुना गया और मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें रेल के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है।

 

 

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