NEWSPR डेस्क। आज जब युवा शक्ति विभिन्न क्षेत्रों में अलग सोच के साथ आगे बढ़ रही है इन्हीं में एक अर्णव वत्स भी हैं, जो न्यूजीलैंड में एक अच्छी नौकरी छोड़ गांव लौट आए और अब मछली पालन कर रहे हैं शुरुआती दौर में ही 50-60 लाख रुपये सालाना आय है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी युवाओं से बात करते हुए यही कहते हैं, इससे प्रभावित होकर अर्णव ने अपने देश लौटने का फैसला कर लिया।
बिहार के रोहतास जिला के करहगर प्रखंड के सोनवर्षा निवासी अर्णव वत्स आज अपने गांव में करीब दस एकड़ भूमि में तालाब खोदवाकर मत्स्य पालक के साथ-साथ जल प्रहरी बन गए हैं और खुश हैं कई लोगों को इसमें काम भी मिल गया है लेकिन उनका करियर शुरू हुआ था एक इंजीनियर के रूप में वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड चले गए मास्टर आफ साइंस (एमएस) की डिग्री लेने के बाद 2017 में वहीं की एक बड़ी कंपनी ग्रिफिन्स के फूड प्रोडक्शन विभाग में प्रोजेक्ट मैनेजर बन गए अच्छी पैकेज और सारी सुविधाएं थीं।
अर्णव बताते हैं कि सब कुछ था पर जब काम से खाली होते थे तो अपने गांव, अपने देश की बहुत याद आती थी पढ़ाई के समय से ही जब छुट्टियों में घर आते थे तो गर्मी के दिनों में वहां पानी की किल्लत होती थी हैंडपंप से भी पानी नहीं निकलता था यह विचार आता था कि इसका समाधान कैसे हो इसी दौरान मछली पालन के क्षेत्र में काम करने वाले वीर बहादुर सिंह से मुलाकात हुई उनसे आइडिया मिला इसे आजमाने का फैसला कर लिया और 2018 में नौकरी छोड़ न्यूजीलैंड से गांव आ गए इस फैसले से परिवार के लोग नाखुश थे पर किसी तरह मनाकर उस आइडिया को धरातल पर उतारने का प्रयास शुरू किया।
अर्णव ने मछली पालन के लिए तालाब खोदवाए मछली के दाने के लिए अलग से 15 टैंक का निर्माण भी कराया वह बताते हैं कि तालाब का पानी पुराना होने के बाद भी यूं नहीं बहा दिया जाता बल्कि इससे खेतों में सिंचाई की जाती है मछलियों का मल और लारयुक्त पानी खेतों में पैदावार बढ़ाने में बहुत मददगार होता है सभी तालाब दोनों ओर से आसपास के खेतों से जुड़े हैं किसानों को इससे मुफ्त पानी मिल जाता है।