NEWSPR डेस्क। आज राष्ट्रीय न्यायिक सेवा दिवस के मौके पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने सभी लोगों को कानून के अधिकारों से अवगत रहने की त कही है। उन्होंने कहा कि यह कानून जनता के अधिकार और न्य़ाय के लिए लाया गया है। इसका उपयोग हमेशा करें ताकि आपके साथ कुछ गलत न हो।
बता दें कि सन् 1995 में न्यायिक सेवा का गठन हुआ था। इसके तहत लोगों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में जागरुक किया जाता है और उन्हें सामान्य जीवन में न्याय व्यवस्था से रूबरू कराया जाता है। किसी भी व्यक्ति को गरिमामय जीवन जीने का अधिकार है। अपने अधिकारों की रक्षा करने और गलत चीजों के प्रति आवाज उठाने का मौलिक अधिकार है। जिसे कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसलिए यह जरूरी है कि सभी अपने अपने मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और उसकी रक्षा करें। जिसके लिए आज के दिन यह सेवा बनाई गई थी।
इस अधिनियम को 9 नवंबर 1995 को प्रभावी किया गया था। इस मौके को मनाने के लिए, 1995 में पहली बार राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस के रूप में मनाया गया। भारत के राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन 5 दिसंबर 1995 को इसके प्रावधानों के तहत किया गया था। नालसा ने जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह, मध्यस्थता और सौहार्दपूर्ण निपटारे के माध्यम से मामलों के निपटान सहित गतिविधियों को चलाया। यह भारतीय अदालतों के पेंडेंसी लोड (बैकलॉग) को कम करने के साथ-साथ जरूरतमंद मुकदमों के लिए न्याय तक पहुंच को कम करने का एक अनूठा प्रयास था।