बिहार में निवेश और बजट पर बड़ा फोकस: हुआ बड़ा ऐलान

Patna Desk

बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि राज्य में जमीन की कमी के कारण फिलहाल कोई निवेश प्रस्ताव अटका नहीं है। सरकार उद्योगों के लिए लैंड बैंक बढ़ाने को लेकर गंभीर प्रयास कर रही है। जिलों से लैंड बैंक बनाने के लिए अब तक 19,800 एकड़ जमीन का प्रस्ताव मिला है। इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए जुलाई 2024 में बनाई गई नीति के तहत 3,100 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, जिसमें 500 एकड़ जमीन सरकारी है।मिश्रा ने सोमवार को विधानसभा में नवीनगर के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में नौ क्लस्टरों में 84 औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं। विधायक ने बताया कि नए उद्योगों के लिए 688 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनके लिए 5,600 एकड़ जमीन की जरूरत है, जबकि सरकार के पास अभी केवल 1,500 एकड़ जमीन उपलब्ध है।

जेंडर बजट में 24.65% की वृद्धि-

वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए जेंडर बजट पेश किया है। विधान परिषद में वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध है। जेंडर बजट इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसे 2008-09 से बजट रणनीति के रूप में पेश किया जा रहा है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में जेंडर बजट के लिए 48,656 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो 2024-25 के 39,033 करोड़ रुपये की तुलना में 24.65% अधिक है। चौधरी ने कहा कि जेंडर बजट का मुख्य उद्देश्य वित्तीय सहायता के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। बिहार जेंडर बजट के क्रियान्वयन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है।

हरित बजट में 12.77% की बढ़ोतरी- पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में हरित बजट पेश किया है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में यह बजट सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि हरित ऊर्जा, जल संरक्षण, वनीकरण, कचरा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए 15,588 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो 2024-25 के 13,823 करोड़ रुपये की तुलना में 12.77% अधिक है।हरित बजट का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की परियोजनाओं पर खर्च की निगरानी करना और आवंटित धनराशि का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके जरिए विभिन्न कार्यक्रमों की सफलता का आकलन करने और जवाबदेही तय करने में भी मदद मिलेगी। बिहार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रणी राज्यों में से एक है।

बाल कल्याण बजट में 17.63% की वृद्धि- बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बाल कल्याण बजट में कुल 64,554 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो 2024-25 के 54,878 करोड़ रुपये की तुलना में 17.63% अधिक है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में यह बजट पेश किया।बाल कल्याण बजट में बच्चों के विकास के लिए बनाई गई योजनाओं और बजट आवंटन का विवरण शामिल है। यह बजट 2013-14 से बिहार विधान मंडल में पेश किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि खेल विभाग के गठन के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 से खेल विभाग को भी इस बजट में शामिल किया गया है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रामीण विकास विभाग को भी बाल कल्याण बजट का हिस्सा बनाया गया है।बिहार सरकार का यह प्रयास बच्चों, महिलाओं और पर्यावरण के विकास के लिए की जा रही नीतियों को मजबूत करता है और समग्र विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Share This Article