बिहार सरकार ने राज्य की स्कूली शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वर्षों पुरानी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब सरकार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) के पद को धीरे-धीरे समाप्त करने जा रही है। इनकी जगह अब सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी (AEDO) की नियुक्ति की जाएगी, जो ज़मीनी स्तर पर शिक्षा से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे।”शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली 2025″ को मिली मंजूरीराज्य सरकार ने नई नीति – बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली 2025 – को मंजूरी दे दी है। इस नीतिगत बदलाव के तहत अब BEO के पद से सेवानिवृत्त होने वाले अफसरों की जगह सीधे AEDO की बहाली की जाएगी। यानि BEO पद स्वत: खत्म होता जाएगा और उसकी जगह नया ढांचा खड़ा किया जाएगा।तीन दशक से ठहरी बहाली प्रक्रियाशिक्षा विभाग के अनुसार BEO पदों पर अंतिम बार नियमित बहाली 1991 में हुई थी। तब से अब तक अधिकांश पद खाली हैं या फिर अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं, जिससे स्कूल प्रबंधन और निगरानी व्यवस्था पर असर पड़ा है। नई योजना के जरिए विभाग स्थायी, जिम्मेदार और सक्रिय ढांचा खड़ा करना चाहता है।
AEDO को मिलेंगी अहम ज़िम्मेदारियां-
नई नियुक्तियों के तहत AEDO को स्कूलों का निरीक्षण, शिक्षक कार्यों की समीक्षा, पढ़ाई की गुणवत्ता और रिपोर्टिंग जैसी जिम्मेदारियों से जोड़ा जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अफसरों को बाद में शिक्षा विकास पदाधिकारी (EDO) के रूप में प्रमोशन भी मिलेगा।शिक्षा में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने की पहलइस बदलाव से यह स्पष्ट है कि अब सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और उत्तरदायी बनाना चाहती है। हर अधिकारी से परिणाम की अपेक्षा होगी और स्कूलों की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। इससे सरकारी विद्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और गुणवत्ता दोनों में सुधार की उम्मीद है।