NEWSPR डेस्क। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादियों के लिए झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा पर अवस्थित बूढ़ा पहाड़ कई दशकों तक सुरक्षित शरणास्थली के रूप में चर्चित रहा। लेकिन ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ की वजह से अब इस इलाके से माओवादियों का कब्जा पूरी खत्मा हो चुका है। पुलिस, सीआरपीएफ और अर्द्धसैन्य बलों की विभिन्न टुकड़ियों पिछले कई महीने से बूढ़ा पहाड़ इलाके में अभियान चला रही है। ऑपरेशन ‘ऑक्टोपस’ के दौरान सुरक्षा बलों को लगातार कई सफलताएं भी मिल रही है।
रांची के गढ़वा जिले में बूढ़ा पहाड़ इलाके से सुरक्षाबलों को शानिवार को भी बड़ी सफलता मिली। सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों की ओर से सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से छिपा कर रखे विस्फोटक बनाने की सामग्री के साथ आईईडी, नक्सली साहित्य और काफी मात्रा में दवाएं समेत अन्य सामग्रियों को बरामद किया गया।
बरामद सामग्रियों में 10 प्लास्टिक शीट, 300 मीटर कोडेक्स तार, 1 बोतल केमिकल, बिजली के 5 बंडल तार, सल्फर 500 ग्राम, टिफिन बॉक्स, थर्मस, पेंटब्रश, बैटरी, वेल्डिंग तार, रेडियो, मोबाइल, राइफल सीलिंग, क्लॉथ क्लिप, टायर ट्यूब, बैनर-झंडा, काला कपड़ा, कई दवाईएं, नक्सल साहित्य, नोटबुक, 4 चार डायरी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस, डेटोनेटर और रस्सी के अलावा एक आईईडी भी बरामद किया गया है। वहीं बम डिस्पोजल स्क्वॉयड ने आईईडी को सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया। मौके से 59 प्रकार की सामग्रियों को सुरक्षा बलों ने बरामद किया है।
इससे पहले भी पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की ओर से इलाके में चलाये जा रहे अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में आईईडी, ग्रेनेड, डेटोनेटर, कारतूस का जखीरा और उनके उपयोग में आने वाली अन्य वस्तुओं को बरामद किया गया था। पिछले एक सप्ताह में बूढ़ा पहाड़ इलाके से सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक लैंडमाइंस बरामद किया है।