पहलवान सुशील कुमार को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. उन पर 23 साल के युवा पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोप है. इतना ही नहीं सुशील को कल 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भी भेज दिया गया. सुशील इस मामले में बीती 5 मई से फरार चल रहे थे.
हालांकि, इस मामले को लेकर एक बार सुशील कुमार ने सफाई देते हुए कहा था कि, उनका इस मर्डर से कोई संबंध नहीं है. लेकिन आशंका के आधार पर पुलिस ने जब उनके घर की तलाशी ली थी तब उनके घर पर कुछ पिस्टल बरामद किया गया था. जिसके बाद सुशील कुमार का फरार होना और छानबीन करने पर घर से पिस्टल मिलना ये सारी बातें पुलिस के शक को और भी ज्यादा गहराता चला गया.
ये कहना गलत नहीं होगा कि सुशील जैसा दूसरा पहलवान अभी तक दूसरा पैदा नहीं हुआ है. लेकिन सुशील कई बार बड़े विवादों में रहे हैं. आज हम आपको उनके विवादों के बारे में बताएंगें.
2015 में नरसिंह से विवाद
सागर धनखड़ की हत्या के विवाद से पहले एक बाद सुशील कुमार का पहलवान नरसिंह यादव से भी विवाद हो गया था. महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह ने सुशील पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उनके खाने में मिलावट करवाई थी, जिसके बाद वो डोप टेस्ट में फेल हो गए थे. दरअसल 2015 में नरसिंह ने कुश्ती की वर्ल्ड चैंपियनशिप के 74 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीत कर ओलंपिक कोटा हासिल किया था.
लेकिन सुशील भी इसी वर्ग से ओलंपिक में जाना चाहते थे. लेकिन फिर बाद में सुशील ने ओलंपिक क्वालिफायर्स में हिस्सा नहीं लिया, जिससे नरसिंह ओलंपिक में जाने का रास्ता एकदम साफ हो गया. लेकिन रियो ओलंपिक से कुछ ही दिन पहले NADA के डोप टेस्ट में नरसिंह पॉजिटिव पाए गए. हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चीट मिली लेकिन फिर WADA ने उन्हें रोक दिया और नरसिंह का ओलंपिक खेलने का सपना टूट गया.
प्रवीण राणा से लड़ाई
इसके बाद 2017 में एक बार फिर युवा पहलवान प्रवीण राणा से सुशील की लड़ाई का किस्सा सामने आया. दरअसल 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए ट्रायल हो रहे थे और सुशील ने सेमीफाइनल में प्रवीण राणा को मात दी थी. इसके बाद सुशील और प्रवीण के समर्थकों के बीच हाथापाई हो गई थी. प्रवीण ने बाद में सुशील के ऊपर आरोप लगाया था कि उनके समर्थकों ने रिंग में सुशील के खिलाफ लड़ने पर उन्हें और उसके बड़े भाई को मारा साथ ही साथ राणा ने यह भी कहा था कि सुशील के समर्थकों ने उन्हें जान से मारने तक की धमकी दी थी.
सुशील के नाम बड़ी कामयाबी
सुशील कुमार अब तक भारत के सबसे सफल पहलवान रहे हैं. सुशील ने पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. यही नहीं 2012 में लंदन में हुए अगले ओलंपिक में सुशील ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. दो ओलंपिक पदक जीतने वाले वे भारत के पहले खिलाड़ी और पहलवान थे. इतना ही नहीं सुशील ने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना दबदबा बनाए रखा. सुशील ने राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री अवार्ड भी हासिल किए हैं. 1983 में पैदा हुए सुशील को देश का सबसे कामयाब पहलवान बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा.